फर्रुखाबाद में 35 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा पक्का घर!
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फर्रुखाबाद जिले के निवासियों के लिए एक खुशखबरी है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 35,000 से अधिक लोगों को अपना पक्का घर मिलने की उम्मीद है। जिले में आवास योजना के लाभार्थियों का सर्वे अंतिम चरण में पहुंच चुका है।

हजारों लोगों का सर्वे पूरा हो गया है, और जल्द ही जरूरतमंद लोगों को घर मिलने की मंजूरी मिलने वाली है। इस बार सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी को सबसे ज्यादा महत्व दे रही है, ताकि सिर्फ उन्हीं को लाभ मिले जो इसके असली हकदार हैं।

फर्रुखाबाद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लाभार्थियों के चयन के लिए चल रहा सर्वे अब 15 मई तक चलेगा। पहले यह सर्वे 30 मार्च तक पूरा किया जाना था।

जिले के सभी सात ब्लॉकों में अब तक कुल 35,939 लोगों का सर्वे किया जा चुका है। इनमें से 11,258 लोगों ने स्वयं (सेल्फ-सर्वे) के माध्यम से आवेदन किया है। शासन के निर्देशों के अनुसार, 13 मई तक सभी सर्वे डाटा को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा।

इसके बाद डाटा का वेरिफिकेशन होगा और फिर अंतिम सूची तैयार की जाएगी, जिससे यह तय होगा कि किन लोगों को घर मिलने की मंजूरी दी जाएगी। इस बार योजना में पारदर्शिता को लेकर प्रशासन ने विशेष सावधानी बरती है।

हर ब्लॉक में दो-दो जिला स्तरीय और दो-दो ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो सर्वे डाटा का क्रॉस वेरिफिकेशन कर रहे हैं। पिछली बार कुछ अयोग्य लोगों को भी योजना का लाभ मिल गया था, जिस पर कई शिकायतें मिली थीं।

इस बार अधिकारी खुद हर घर जाकर जांच कर रहे हैं, ताकि हर जरूरतमंद व्यक्ति को योजना का फायदा मिल सके। जिले के मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने हर ब्लॉक के लिए एक-एक जिम्मेदार अधिकारी लगाया है, जो अपने इलाके में यह जांच का काम देख रहे हैं।

राजेपुर ब्लॉक में सबसे ज़्यादा 7334 लोगों का सर्वे किया गया है। यहां हर गांव में औसतन 91 लोग योजना के लिए चुने गए हैं। बढ़पुर ब्लॉक में सबसे कम सर्वे हुआ है, जहां सिर्फ 1596 लोगों को योजना के लिए चुना गया है और हर गांव में औसतन 27 लोग ही लिस्ट में आए हैं।

अन्य ब्लॉकों में कायमगंज में हर गांव से औसतन 75, शमसाबाद में 82, मोहम्मदाबाद में 63, कमालगंज में 47 और नवाबगंज में 36 लोग चुने गए हैं।

जिले के परियोजना निदेशक DRDA कपिल कुमार ने बताया कि हर ब्लॉक में अधिकारी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। वेरिफिकेशन के बाद जरूरतमंद लोगों की एक फाइनल लिस्ट बनाई जाएगी और वह राज्य सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद उन्हीं लोगों को योजना के तहत घर बनाने की मंजूरी मिलेगी, जो सच में इसके हकदार हैं।

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