राजस्थान: बीजेपी विधायक की सदस्यता पर लटकी तलवार, कांग्रेस ने की बर्खास्तगी की मांग
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कांग्रेस विधायक दल ने, नेता प्रतिपक्ष टीकारराम जूली के नेतृत्व में, विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा है। इस पत्र में भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है।

यह मांग 1 मई, 2025 को राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश के संदर्भ में है, जिसमें मीणा की 3 साल की सजा को बरकरार रखा गया है। कांग्रेस का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के अनुसार, यदि किसी जनप्रतिनिधि को 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।

पार्टी ने इस अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के ‘लिली थॉमस बनाम भारत सरकार’ (2013) मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष को इस निर्णय पर अमल करना चाहिए।

टीकाराम जूली ने अपने पत्र में कहा है कि जिस तरह पूर्व में बीएल कुशवाह (बसपा विधायक) और राहुल गांधी (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष) जैसे नेताओं की सदस्यता न्यायालय के आदेश के बाद समाप्त की गई थी, उसी तरह कंवर लाल मीणा के मामले में भी कार्रवाई होनी चाहिए।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा सचिव से मिलकर भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता निरस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

कांग्रेस विधायकों का कहना है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में उचित निर्णय नहीं लेते हैं, तो यह राजस्थान विधानसभा की संवैधानिक परंपराओं के विरुद्ध होगा। पत्र पर जौहरीलाल मीणा, गोविंद सिंह डोटासरा, रामकिशोर सैनी और रफीक खान जैसे प्रमुख कांग्रेस विधायकों के हस्ताक्षर हैं।

झालावाड़ की एडीजे अकलेरा कोर्ट ने 14 दिसंबर 2020 को कंवरलाल को 3 साल की सजा सुनाई थी। उन्हें राजकार्य में बाधा डालने, अधिकारियों को धमकाने और संपत्ति में तोड़फोड़ का दोषी माना गया था। कंवरलाल ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी और सजा को बरकरार रखा।

मामला 3 जनवरी 2005 का है। आरोप है कि कंवरलाल मीणा ने एसडीएम रामनिवास मेहता की कनपटी पर पिस्तौल तान दी थी और जान से मारने की धमकी दी थी। यह घटना झालावाड़ के दांगीपुरा-राजगढ़ मोड़ पर हुई, जहां गांव के लोगों ने खाताखेड़ी के उपसरपंच के चुनाव में दोबारा वोटिंग करवाने के लिए रास्ता रोका था। जब एसडीएम मेहता मौके पर पहुंचे और समझाने की कोशिश की, तभी कंवरलाल मीणा ने कथित तौर पर उन पर पिस्तौल तान दी। उन्होंने मौके पर मौजूद IAS अधिकारी और तहसीलदार को भी धमकी दी थी। कंवर लाल पर सरकारी वीडियोग्राफर का कैमरा तोड़ने और IAS अधिकारी का कैमरा जब्त करने का भी आरोप है, जिसे बाद में लौटा दिया गया था। चुनाव के बाद एसडीएम मेहता ने 5 फरवरी 2005 को कंवरलाल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

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