भारत-पाकिस्तान के बीच शांति का मसीहा बना ईरान? सफलता की कितनी उम्मीद?
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कश्मीर में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इससे क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों में चिंता फैल गई है.

विश्व नेताओं ने दोनों देशों से संयम बरतने का आग्रह किया है. इस बीच, ईरान ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है.

तनाव को कम करने के लिए ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचे. इसके बाद वह मंगलवार को नई दिल्ली का दौरा करेंगे.

इस्लामाबाद ने तेहरान की पेशकश का स्वागत किया है, लेकिन नई दिल्ली ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. भारत हमेशा से पाकिस्तान के साथ अपने विवाद को द्विपक्षीय बताता रहा है और खासकर कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय दखल पर आपत्ति जताता रहा है.

हालांकि, ईरान की इस पेशकश को दोनों देशों के लोगों ने एक सकारात्मक पहल के तौर पर देखा है. युद्ध के कगार पर खड़े दोनों देशों को बचाने के लिए ईरान ऐसे समय पर आगे आया है, जब वह खुद कई मोर्चों पर लड़ रहा है.

रूस से लेकर अमेरिका तक, सभी देशों ने अभी तक सिर्फ सलाह और अपील ही की है. ऐसे में ईरान को शांति दूत माना जा रहा है. ईरान के रिश्ते दोनों ही देशों से गहरे हैं, इसलिए लग रहा है कि ईरान के विदेश मंत्री शांति पहल करने में कामयाब रहेंगे.

भारत और पाकिस्तान का युद्ध दोनों देशों को कई साल पीछे धकेल सकता है. युद्ध से विकास और जनकल्याणकारी योजनाएं बंद हो सकती हैं और सारा पैसा युद्ध की रसद खरीदने में लग सकता है, जिससे रूस, अमेरिका, इजराइल और चीन जैसे देशों को फायदा होगा.

ईरान के पाकिस्तान और भारत के साथ मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं, जिनका लंबा इतिहास है. इसलिए ईरान कभी नहीं चाहेगा कि उसके दो दोस्त युद्ध करें.

भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह का संचालन करता है. यह भारत के लिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया में व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है. भारत ने 2016 में चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत भारत बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारे के रूप में इस्तेमाल करता है. यह बंदरगाह भारत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का विकल्प प्रदान करता है.

इसके अलावा, लाखों भारतीय व्यापारी और धार्मिक यात्री ईरान जाते हैं. पाकिस्तान के साथ भी ईरान के व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं. पाकिस्तान से ईरान 909 किलोमीटर की सीमा साझा करता है.

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