भारत में लॉन्च होगा सबसे शक्तिशाली क्वांटम कंप्यूटर, पलक झपकते होंगे करोड़ों काम!
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भारत जल्द ही क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। देश का सबसे बड़ा क्वांटम कंप्यूटर जल्द ही लॉन्च किया जाएगा, जिसे IBM और TCS मिलकर बना रहे हैं।

यह क्वांटम कंप्यूटर राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में स्थापित किया जाएगा। इस हाईटेक मशीन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 156 क्यूबिट IBM Heron प्रोसेसर से लैस होगा, जो एक साथ करोड़ों कार्यों को सुपरफास्ट गति में पूरा करने में सक्षम होगा।

क्वांटम कंप्यूटर पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में कई गुना अधिक तेज होते हैं। जहां एक सामान्य कंप्यूटर किसी समस्या को हल करने में घंटों लगाता है, वहीं क्वांटम कंप्यूटर वही काम कुछ ही सेकंड में कर सकता है। इसकी प्रोसेसिंग पावर क्वांटम बिट्स यानी क्यूबिट्स पर निर्भर करती है। भारत का यह नया क्वांटम कंप्यूटर 156 क्यूबिट्स के साथ काम करेगा, जो अभी तक देश के किसी भी कंप्यूटर में नहीं देखा गया है।

इस परियोजना में दो दिग्गज कंपनियां साथ आई हैं - अमेरिका की प्रौद्योगिकी दिग्गज IBM और भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS। IBM इस क्वांटम कंप्यूटर का हार्डवेयर तैयार करेगा और TCS इसके लिए विशेष एल्गोरिदम और एप्लिकेशन विकसित करेगी। दोनों मिलकर इसे भारत के विज्ञान, उद्योग और शिक्षा जगत की जरूरतों के अनुसार तैयार करेंगे।

भारत सरकार ने इस क्वांटम कंप्यूटर को आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में स्थापित करने का फैसला किया है। अमरावती में एक क्वांटम वैली टेक पार्क बनाया जा रहा है, जहां इस कंप्यूटर को रखा जाएगा। इससे न केवल इस क्षेत्र को टेक्नोलॉजी हब के रूप में पहचान मिलेगी, बल्कि आसपास के युवाओं को रोजगार और रिसर्च के नए अवसर भी मिलेंगे।

भारत सरकार ने भविष्य की तकनीकों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग और क्वांटम मटेरियल पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। भारत का यह सबसे बड़ा क्वांटम कंप्यूटर इसी मिशन का हिस्सा है। इसकी मदद से भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिफेंस, हेल्थकेयर और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन सकेगा।

यह क्वांटम कंप्यूटर सिर्फ सरकार के लिए नहीं बल्कि देश के उद्योग और शिक्षण संस्थानों के लिए भी वरदान साबित होगा। इससे वैज्ञानिक अनुसंधान में तेजी आएगी, मेडिसिन, केमिस्ट्री और न्यूक्लियर रिसर्च में नई खोजें होंगी, बैंकिंग और साइबर सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी, और अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को एडवांस एनालिसिस और डाटा प्रोसेसिंग की सुविधा मिलेगी।

भारत का यह कदम न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि इससे देश को हाई-एंड टेक्नोलॉजी जॉब्स और वैश्विक निवेश भी मिल सकता है। IBM के अनुसार, इस कंप्यूटर में Qiskit सॉफ्टवेयर और अन्य आधुनिक संसाधन मौजूद होंगे जो इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।

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