आतंकियों को खाना खिलाने के आरोप में पकड़ा, फिर नदी में छलांग लगाकर दी जान? मौत पर विवाद!
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पहलगाम आतंकी हमले की जांच के बीच कुलगाम जिले के तंगमर्ग निवासी 23 वर्षीय इम्तियाज अहमद माग्रे की मौत ने राजनीतिक दलों और सुरक्षा बलों के बीच विवाद पैदा कर दिया है. इम्तियाज का शव रविवार को नदी से बरामद किया गया था.

इम्तियाज अहमद माग्रे का शव सुबह-सुबह कुलगाम दक्षिण कश्मीर के वैशव नाले से बरामद होने पर इलाके में सदमे की लहर दौड़ गई. परिवार और निवासियों का कहना है कि वह मजदूर था और कुछ दिन पहले ही घर आया था. सुरक्षा बलों ने उसे पूछताछ के लिए ले लिया था, जिसके बाद उसका शव पानी से निकाला गया है.

जम्मू कश्मीर की शिक्षा मंत्री और स्थानीय विधायक सकीना इटू ने मृतक युवक के घर जाकर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने मामले की जांच कराने और मौत की न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार परिवार के साथ खड़ी है.

पुलिस ने एक वीडियो जारी कर कहा कि इम्तियाज अहमद मगरे, आतंकवादी समूहों से जुड़ा ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) था. जब वह सुरक्षा बलों से बचने की कोशिश कर रहा था, तो वह पुलिस ऑपरेशन के दौरान तेज बहते पानी में कूद गया और उसकी मौत हो गई.

अधिकारियों ने कहा कि मगरे पर दो पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों के साथ अपनी संलिप्तता के बारे में कबूलनामा करने के बाद से निगरानी रखी जा रही थी. 3 मई को उसे हिरासत में लिया गया और उसने तंगमार्ग वन क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों को भोजन और रसद उपलब्ध कराने की बात स्वीकार की.

उसके सहयोग के बाद, वह आतंकवादी ठिकाने का पता लगाने में सुरक्षा बलों की सहायता करने के लिए सहमत हो गया. 4 मई को जब पुलिस और सेना की संयुक्त टीम निर्धारित क्षेत्र के पास पहुंची, तो माग्रे ने नदी में छलांग लगाकर भागने की कोशिश की. ड्रोन फुटेज में उस पल को कैद किया गया जब वह पानी में कूदा, जहां वह बाद में तेज बहाव में बह गया.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी मौत पर सवाल उठाया और जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि इम्तियाज अहमद माग्रे की मौत में गड़बड़ी के गंभीर आरोप हैं. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इम्तियाज माग्रे को दो दिन पहले सेना ने उठाया था और अब रहस्यमय तरीके से उसका शव नदी में मिला है.

उन्होंने कहा कि पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकवादी हमला नाजुक शांति को पटरी से उतारने, कश्मीर में पर्यटन को बाधित करने और देश भर में सांप्रदायिक सद्भाव को कमजोर करने का एक सुनियोजित प्रयास प्रतीत होता है.

महबूबा ने मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि बांदीपोरा मुठभेड़ या कुलगाम की इस ताजा घटना में कदाचार के आरोप बेहद परेशान करने वाले हैं और पूरी निष्पक्ष जांच की जरूरत है.

पुलिस ने घटना का संज्ञान लिया है और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है और मामला भी दर्ज कर लिया गया है.

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