देश जो चाहता है...वह जरूर होगा, हमला करने वालों को जवाब देना मेरी जिम्मेदारी
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पहलगाम में हुए हमले के मद्देनज़र, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक रक्षा मंत्री के तौर पर, सशस्त्र बलों के साथ काम करना और भारत पर बुरी नज़र रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना मेरी जिम्मेदारी है।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि आप हमारे प्रधानमंत्री को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, उनकी कार्यशैली और दृढ़ संकल्प से परिचित हैं।

संस्कृति जागरण महोत्सव को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राजनीति शब्द दो शब्दों राज और नीति से मिलकर बना है। उन्होंने अफ़सोस जताते हुए कहा कि विडंबना यह है कि राजनीति शब्द अपना अर्थ खो चुका है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूज्य संतों का आशीर्वाद चाहिए ताकि वे इसे भारत की राजनीति में पुनः स्थापित कर सकें।

राजनाथ सिंह ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमारे वीर सैनिकों ने हमेशा भारत के भौतिक स्वरूप की रक्षा की है, जबकि दूसरी ओर हमारे ऋषियों और मनीषियों ने भारत के आध्यात्मिक स्वरूप की रक्षा की है। एक ओर जहां हमारे सैनिक रणभूमि पर लड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे संत जीवनभूमि पर लड़ते हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने सैनिकों के साथ मिलकर काम करें और देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे सशस्त्र बलों के साथ मिलकर उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब दें जो हमारे देश पर बुरी नज़र रखते हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अच्छी तरह से जानते हैं और उनकी कार्यशैली, उनके दृढ़ संकल्प को भी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने अपने जीवन में जोखिम उठाना सीखा है, आप उससे भली-भांति परिचित हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश जो चाहता है, वह निश्चित रूप से होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह लक्ष्य कोई छोटा लक्ष्य नहीं है, लेकिन यह पूरा होकर रहेगा क्योंकि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।

कल जापान के रक्षा मंत्री से मिलेंगे राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को दिल्ली में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष वर्तमान क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा के अलावा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर भी विचार करेंगे।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत और जापान के बीच दीर्घकालिक मित्रता है। रक्षा और सुरक्षा दोनों देशों के बीच संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। हाल के वर्षों में भारत और जापान के बीच रक्षा आदान-प्रदान को बल मिला है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण से इसका महत्व बढ़ रहा है।

राजनाथ सिंह और जनरल नाकातानी के बीच छह महीने में यह दूसरी मुलाकात होगी। पिछले साल नवंबर 2024 में लाओ पीडीआर में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस के मौके पर राजनाथ सिंह और नाकातानी की पहली बातचीत हुई थी। पिछले साल हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी सहयोग के महत्व को दोहराया था। उस बैठक में सिंह और जनरल नकातानी ने अपनी सेनाओं के बीच बेहतर अंतर-संचालन के लिए आपूर्ति और सेवा समझौते के पारस्परिक प्रावधान पर विचार-विमर्श किया था।

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