पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है कि भारत उस पर हमला करने वाला है। वह संयुक्त राष्ट्र से लेकर इस्लामी सहयोग संगठन तक हर जगह यह बात कह चुका है। अमेरिका और चीन से भी गुहार लगा चुका है। पाकिस्तान का दावा है कि भारत एक-दो दिन में ही उस पर हमला कर सकता है। यहीं वजह है कि वह रात में एलओसी पर फायरिंग करता रहता है, ताकि भारत को लगे कि वह सतर्क है।
लेकिन सवाल यह है कि पाकिस्तान को ऐसा क्यों लग रहा है कि भारत हमला करेगा? अगर भारत हमला करेगा, तो उसका स्वरूप क्या होगा? क्या वह सीधा अटैक करेगा या टारगेटेड अटैक करेगा?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया है कि इस हमले के दोषियों को वह सजा देगा। उन आतंकियों और साजिशकर्ताओं को खोजकर मारेगा, जिन्होंने पहलगाम में मासूम पर्यटकों की जान ली है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के लिए सेना को खुली छूट दे दी है। इसलिए पाकिस्तान को डर लगना स्वाभाविक है, क्योंकि हमला तो होगा, भारत बदला तो लेगा। पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का पूरा हाथ सामने आया है। पाकिस्तानी सेना से लेकर उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई तक इस हमले में शामिल है, इसके सबूत मिल चुके हैं।
पाकिस्तान ने पहलगाम से पहले दो और बड़े आतंकी हमले जम्मू कश्मीर में किए थे: उरी अटैक और पुलवामा हमला। इन दोनों का बदला भारत ले चुका है। भारत पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर चुका है और बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर चुका है। इसलिए पाकिस्तान जानता है कि भारत हमला करेगा। लेकिन कहां करेगा और कैसे करेगा, इसका अंदाजा उसे नहीं है।
| क्रम | युद्ध / संघर्ष | वर्ष | मुख्य कारण | परिणाम | भारत को क्या लाभ हुआ | |------|-------------------------|-----------|---------------------------------------------|-------------------------------------------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------| | 1 | पहला भारत-पाक युद्ध | 1947-48 | जम्मू-कश्मीर पर कब्जा | युद्धविराम, भारत ने अधिकतर कश्मीर पर नियंत्रण बनाए रखा | युद्ध के बाद UN की मध्यस्थता में संघर्षविराम हुआ | | 2 | दूसरा भारत-पाक युद्ध | 1965 | कश्मीर में घुसपैठ (ऑपरेशन जिब्राल्टर) | भारत की विजय, ताशकंद समझौता | भारत ने लाहौर तक बढ़त बनाई, बाद में युद्धविराम | | 3 | तीसरा भारत-पाक युद्ध | 1971 | पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में मानवाधिकार संकट| भारत की निर्णायक जीत, बांग्लादेश का निर्माण | पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया | | 4 | कारगिल युद्ध | 1999 | पाक सेना और आतंकवादियों की LOC पार कर घुसपैठ | भारत की सैन्य विजय, पाकिस्तान पीछे हटने को मजबूर | भारत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव और सैन्य बल से कब्जे वाले क्षेत्र पुनः प्राप्त किए | | 5 | उरी हमला व सर्जिकल स्ट्राइक | 2016 | उरी आतंकी हमला | भारत ने PoK में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादी ठिकाने तबाह किए | पहली बार भारत ने आधिकारिक रूप से LOC पार कर सैन्य कार्रवाई की | | 6 | पुलवामा हमला व एयरस्ट्राइक | 2019 | पुलवामा में आत्मघाती हमला | बालाकोट में एयरस्ट्राइक, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की | उरी अटैक का बदला |
18 सितंबर 2016 को, जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के एक ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके जवाब में, 28-29 सितंबर 2016 की रात को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भारतीय सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेज ने एलओसी पार करके आतंकवादी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में कई आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को मार गिराया गया। भारत सरकार ने इसका सार्वजनिक रूप से एलान किया और इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहा। यह पहली बार था जब भारत ने आधिकारिक रूप से एलओसी पार कर ऐसी सैन्य कार्रवाई की और उसे सार्वजनिक किया। इससे भारत की रणनीतिक और सैन्य नीति में बदलाव दिखा: आतंकवाद के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई की नीति अपनाई गई।
14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया था। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक भरी SUV से CRPF के काफिले की एक बस को टक्कर मारी, जिसमें 40 CRPF जवान शहीद हो गए थे। इसके जवाब में, भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। भारतीय वायुसेना ने मिराज 2000 विमानों से सीमा पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों पर बमबारी की। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड और प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया। शिविर में मौजूद सैकड़ों आतंकवादी मारे गए। यह पहली बार था जब भारत ने 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तानी सीमा के अंदर घुसकर वायुसेना का उपयोग किया। इस हमले ने भारत की न्यू डिटरेंस नीति (नई प्रतिरोध नीति) को दर्शाया: अगर हमला होगा, तो जवाब भी तेज़ और सीमा पार होगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी कह चुके हैं कि आतंकियों और उनके आकाओं को खोजकर मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी के साथ प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में साफ कर दिया था कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया जाएगा। उन्होंने सेना को पूरी छूट देते हुए कहा कि सेना तय करे कि हमला कब, कैसे और कहां किया जाएगा।
पीएम मोदी की सख्ती के बाद पाकिस्तान तीन तरह से तैयारियों में जुटा है। पहला, वह पूरी दुनिया से बचाने की गुहार लगा रहा है और भारत के खिलाफ देशों को भड़का रहा है। लेकिन इसमें उसे कोई सफलता नहीं मिली है। चीन और तुर्की को छोड़कर कोई अन्य देश उसके साथ खड़ा नहीं दिखा है। दूसरा, वह सीमा पर सेना, हथियार और मिसाइल तैनात कर रहा है। उसके नेता तो परमाणु बम की धमकी भी दे रहे हैं। तीसरी तैयारी जान बचाने की है। पाकिस्तान पीओके में लोगों से 2 महीने का खाना भंडार करने के लिए कह रहा है, घायलों को ले जाने की ट्रेनिंग दे रहा है, मदरसे बंद कर रहा है क्योंकि इन्हीं मदरसों में आतंकियों की ट्रेनिंग दी जाती रही है। सीमा के पास रहने वाले लोगों से अपील कर रहा है कि वे सतर्क रहें और युद्ध के लिए तैयार रहें।
*जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। pic.twitter.com/TMwL58HVTc
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2025
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