पटना: केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना के फैसले के बाद, राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है, जिससे बिहार में सियासी तनाव बढ़ने की संभावना है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को लिखे पत्र को साझा करते हुए कहा कि जाति जनगणना कराने का निर्णय हमारे देश की समानता की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण हो सकता है। इस जनगणना के लिए संघर्ष करने वाले लाखों लोग सिर्फ डेटा नहीं बल्कि सम्मान, सिर्फ गणना नहीं बल्कि सशक्तिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अपने पत्र में, तेजस्वी ने लिखा कि उनकी सरकार और एनडीए गठबंधन ने पहले जाति जनगणना के आह्वान को विभाजनकारी और अनावश्यक बताया था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब बिहार ने अपना जाति सर्वेक्षण शुरू किया, तो केंद्र सरकार और भाजपा के शीर्ष अधिकारियों ने हर कदम पर बाधाएं खड़ी कीं।
तेजस्वी का मानना है कि जाति जनगणना सामाजिक न्याय की दिशा में एक लंबा सफर तय करने की शुरुआत है। जनगणना के आंकड़ों से सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने आरक्षण पर मनमाने ढंग से लगाई गई सीमा पर भी पुनर्विचार करने की आवश्यकता बताई।
उन्होंने आगामी परिसीमन अभ्यास में अन्याय को ठीक करने का आग्रह किया, ताकि निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण जनगणना के आंकड़ों को प्रतिबिंबित करे और ओबीसी और ईबीसी को राज्य विधानसभाओं और संसद में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिल सके।
तेजस्वी ने निजी क्षेत्र में भी सामाजिक न्याय की वकालत की है। उनका मानना है कि निजी क्षेत्र, जो सार्वजनिक संसाधनों का लाभार्थी रहा है, उसे सामाजिक न्याय की अनिवार्यताओं से अछूता नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कंपनियों से सामाजिक संरचना को प्रतिबिंबित करने और संगठनात्मक पदानुक्रमों में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देने की अपेक्षा की है।
अंत में, तेजस्वी ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि वे जाति जनगणना के निष्कर्षों का उपयोग वास्तविक सामाजिक परिवर्तन के लिए करें। उन्होंने कहा कि बिहार में जाति सर्वेक्षण ने जमीनी हकीकत से कई लोगों को अवगत कराया है और वे इस दिशा में रचनात्मक सहयोग देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस जनगणना के लिए संघर्ष करने वाले लाखों लोग न केवल आंकड़ों की बल्कि सम्मान और सशक्तिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
*My letter to PM Sh. @narendramodi Ji.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 3, 2025
The decision to conduct the caste census can be a transformative moment in our nation s journey towards equality. The millions who have struggled for this census await not just data but dignity, not just enumeration but empowerment.… pic.twitter.com/t2uszNfjOH
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