कई लोगों की रातों की नींद उड़ी , पीएम मोदी का दावा
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तिरुवनंतपुरम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम में विझिनजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया, जिसकी लागत 8,867 करोड़ रुपये आई है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी उपस्थिति कई लोगों की रातों की नींद हराम कर देगी। विजयन को उन्होंने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का स्तंभ भी बताया।

मोदी ने कहा कि उनके भाषण का अनुवाद ठीक से नहीं हुआ, लेकिन संदेश सही लोगों तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि जहाजों में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है और पिछले 10 वर्षों में हमारे बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है।

इस बंदरगाह का निर्माण 8,800 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। निकट भविष्य में इसकी ट्रांसशिपमेंट हब की क्षमता तीन गुना हो जाएगी। यह बड़े मालवाहक जहाजों को समायोजित करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

पहले भारत की 75 प्रतिशत ट्रांसशिपमेंट गतिविधियां विदेशी बंदरगाहों पर की जाती थीं, जिससे देश को राजस्व का बड़ा नुकसान होता था, पर अब बदलाव आएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों को निराशा होगी कि अदाणी समूह के गौतम ने केरल में इतना बड़ा बंदरगाह बनाया है, जबकि वे पश्चिम भारतीय राज्य से आते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के बंदरगाह मंत्री वी. एन. वासवन द्वारा अदाणी समूह को वामपंथी सरकार का साझेदार बताना देश में हो रहे बदलावों को दर्शाता है।

मोदी ने कहा कि भारत हजारों सालों तक समृद्धि के साथ फलता-फूलता रहा, जिसकी एक वजह इसकी प्रभावशाली समुद्री क्षमताएं और इसके बंदरगाह शहरों में संपन्न आर्थिक गतिविधियां थीं, जिसमें केरल ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में सरकार की बंदरगाह और जलमार्ग नीतियों ने औद्योगिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने और राज्य के समग्र विकास में तेजी लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

प्रधानमंत्री ने बंदरगाह केंद्र का चक्कर लगाया और सुविधाओं का जायजा लिया। इसके बाद, उन्होंने केरल के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, गौतम अदाणी और शशि थरूर की मौजूदगी में सुविधा के पहले चरण का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया।

विझिनजम बंदरगाह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नौवहन के क्षेत्र में भारत की भूमिका बदलने की उम्मीद है। इसे अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने विकसित किया है। सफल परीक्षण के बाद बंदरगाह को पिछले वर्ष चार दिसंबर को वाणिज्यिक कमीशनिंग प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ था।

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