कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद स्थित अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 78 वर्ष की थीं।
पिछले महीने गणगौर पूजा के दौरान लगी आग में वे झुलस गई थीं। हादसे के बाद उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पूजा के दौरान आरती करते समय आग ने उनको चपेट में ले लिया था। उनके दुपट्टे में आग लग गई थी, जिससे वे गंभीर रूप से झुलस गई थीं। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनके 80 फीसदी झुलसने की पुष्टि की थी, जिसके बाद उन्हें अहमदाबाद रेफर किया गया था।
गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई 1946 को राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में हुआ था। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और माता शिक्षिका थीं। उन्होंने उदयपुर आकर मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की। सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में उन्होंने कुछ समय तक दर्शनशास्त्र विभाग में प्रोफेसर की नौकरी भी की थी।
गिरिजा व्यास ने कवयित्री और लेखिका के रूप में अपने जीवन की शुरुआत की, फिर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। उन्हें लंबा राजनीतिक अनुभव था। उन्होंने 1977 से 1984 तक उदयपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। 1985 से 1990 तक वे राजस्थान विधानसभा की सदस्य रहीं। उन्होंने 1986 से लेकर 1990 तक राजस्थान के पर्यटन राज्य मंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई। डॉ. गिरिजा व्यास राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रह चुकी थीं। इसके बाद 1990 में उनको अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया था। वे तब से लेकर अब तक सदस्य निर्वाचित होती रहीं।
व्यास 1991 में पहली बार उदयपुर से लोकसभा सांसद बनीं। केंद्र में उन्होंने 1991 से 1993 तक सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया। 1993 में उन्होंने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। 1996 और 1999 में भी सांसद का चुनाव जीता। वे दो कार्यकाल तक राष्ट्रीय महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं।
इसके अलावा, वे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक एवं एआईसीसी मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी थीं। वह एआईसीसी के केंद्रीय चुनाव समिति के साथ-साथ विचार विभाग की चेयरपर्सन एवं कांग्रेस संदेश पत्रिका की मुख्य संपादक की जिम्मेदारी भी संभाल रही थीं।
गिरिजा ने 2018 में अंतिम विधानसभा चुनाव उदयपुर शहर से लड़ा था, जहाँ उन्हें गुलाबचंद कटारिया ने हराया था। गिरिजा व्यास की गिनती राजीव गांधी के नजदीकियों में होती थी।
*पूर्व केंद्रीय मंत्री व काँग्रेस की वरिष्ठ नेता श्रीमती गिरिजा व्यास जी के निधन पर उन्हें शत शत नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि…
— VIKRAM CHOUDHARY (@Thevikrambjym) May 1, 2025
मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को दुख की इस घड़ी में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।@DrGirijaVyas #rip pic.twitter.com/NHruINJwbB
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