पहलगाम में जिपलाइनिंग कर रहे पर्यटक पर आतंकी हमला, आंखों देखा हाल सुनकर कांप उठेंगे आप
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पहलगाम में हुए आतंकी हमले का एक वीडियो सामने आया है, जो आतंकियों की क्रूरता को दर्शाता है। इस वीडियो में एक पर्यटक जिपलाइनिंग कर रहा है, और उसी दौरान आतंकवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कई लोग मारे गए।

गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले ऋषि भट्ट इस घटना को याद करते हुए सिहर उठते हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह आतंकियों ने मासूमों को शिकार बनाया।

ऋषि भट्ट ने कहा, जब मैं जिपलाइनिंग कर रहा था, तभी गोलीबारी शुरू हो गई। मुझे करीब 20 सेकंड तक इसका एहसास ही नहीं हुआ। फिर अचानक मुझे एहसास हुआ कि गोलीबारी शुरू हो गई है और जमीन पर मौजूद लोग मारे जा रहे हैं। मैंने देखा कि 5-6 लोगों को गोली लग गई है।

उन्होंने आगे कहा, करीब 20 सेकंड बाद मुझे एहसास हुआ कि यह एक आतंकवादी हमला था। ऑपरेटर ने तीन बार अल्लाहु अकबर चिल्लाया, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। मुझे पता चला कि हमसे आगे दो परिवारों के लोगों से उनका धर्म पूछा गया और मेरी पत्नी और बेटे के सामने उन्हें गोली मार दी गई। मेरी पत्नी और बेटा चिल्ला रहे थे।

ऋषि भट्ट ने अपनी जान बचाने का तरीका बताते हुए कहा, मैंने अपनी बेल्ट खोली और नीचे कूद गया, अपनी पत्नी और बेटे को लेकर भागने लगा। हमने देखा कि लोग एक गड्डे जैसी जगह पर छिपे हुए थे। हम भी वहां छिप गए। जब 8-10 मिनट के बाद गोलीबारी रुकी, तो हम मुख्य द्वार की ओर भागने लगे। फिर से गोलीबारी शुरू हो गई और 4-5 लोगों को गोली लगी। हमारे सामने 15-16 पर्यटकों को गोली लगी। जब हम गेट पर पहुंचे, तो हमने देखा कि स्थानीय लोग पहले ही जा चुके थे।

भट्ट ने यह भी बताया कि एक टट्टू गाइड ने उन्हें बचाया और जल्द ही उन्हें भारतीय सेना के जवान मिले। सेना ने सभी पर्यटकों को सुरक्षा दी और 20-25 मिनट के भीतर पूरे पहलगाम को कवर कर लिया।

भट्ट ने सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, सेना द्वारा कवर दिए जाने के बाद हम सुरक्षित महसूस कर रहे थे। मैं भारतीय सेना का आभारी हूं।

उन्होंने जिपलाइन ऑपरेटर पर संदेह जताते हुए कहा, मेरे सामने 9 लोग जिपलाइन कर रहे थे, लेकिन ऑपरेटर ने कुछ नहीं कहा। जब मैं स्लाइड कर रहा था, तो वह चिल्लाया और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। इसलिए, मुझे उस आदमी पर शक है। उसने तीन बार अल्लाहु अकबर कहा और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। वह एक आम कश्मीरी की तरह लग रहा था।

भट्ट ने बताया कि जंगल में और निचले इलाकों में हर जगह सेना की मौजूदगी थी, लेकिन मुख्य जगह पर कोई भी सेना का अधिकारी नहीं था। मुख्य द्वार पर जम्मू और कश्मीर पुलिस के साथ-साथ तीन सुरक्षा गार्ड भी थे।

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