पहलगाम में खूनी मंजर: जिपलाइन सवार ने बताई आतंकी हमले की भयावह कहानी
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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के नए वीडियो सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश है। हर कोई आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। इन वीडियो में हमले का खौफनाक मंजर कैद है।

गुजरात के ऋषि भट्ट नामक एक शख्स ने यह वीडियो तब बनाया, जब वह हमले के दौरान जिपलाइनिंग कर रहे थे। वीडियो में लोग डर के मारे भागते दिख रहे हैं। आतंकवादी अंधाधुंध गोलियां चला रहे हैं और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं।

चश्मदीद ऋषि भट्ट ने जिपलाइन ऑपरेटर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ऑपरेटर को हमले के बारे में पहले से पता था, क्योंकि घटना से पहले उसने धार्मिक नारे लगाए थे। इस आधार पर NIA अब जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ कर सकती है।

22 अप्रैल को हुए इस हमले का यह लेटेस्ट वीडियो ऋषि भट्ट के कैमरे में कैद हुआ है। वीडियो में दिख रहा है कि आतंकी पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा रहे हैं। पर्यटक जान बचाकर भाग रहे हैं और आतंकी धर्म पूछ-पूछकर लोगों को मार रहे हैं।

वीडियो की शुरुआत में ऋषि भट्ट जिपलाइन पर सवार दिख रहे हैं। उनके पीछे खड़ा शख्स जिपलाइन ऑपरेटर है। जैसे ही फायरिंग की आवाज आती है, ऑपरेटर धार्मिक नारे लगाने लगता है।

अहमदाबाद से आए ऋषि भट्ट ने घटना को याद करते हुए बताया कि जब वह जिपलाइनिंग कर रहे थे, तभी गोलीबारी शुरू हो गई। उन्हें करीब 20 सेकंड तक इसका अहसास नहीं हुआ। फिर उन्हें लगा कि गोलीबारी शुरू हो गई है और जमीन पर मौजूद लोग मारे जा रहे हैं। उन्होंने 5-6 लोगों को गोली लगते हुए देखा।

भट्ट ने बताया कि ऑपरेटर ने धार्मिक नारे लगाए, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। उनसे आगे दो परिवारों के लोगों से उनका धर्म पूछा गया और उनकी पत्नी और बेटे के सामने उन्हें गोली मार दी गई। उनकी पत्नी और बेटा चिल्ला रहे थे। उन्होंने अपनी बेल्ट खोली और नीचे कूदकर अपनी पत्नी और बेटे को लेकर भागे। उन्होंने देखा कि लोग एक गड्ढे में छिपे हुए हैं और वे भी वहीं छिप गए।

उन्होंने यह भी बताया कि 8-10 मिनट बाद गोलीबारी रुकी तो वे मुख्य द्वार की ओर भागने लगे, तभी फिर से गोलीबारी शुरू हो गई और 4-5 लोगों को गोली लग गई। उनके सामने 15-16 पर्यटकों को गोली लगी।

भट्ट ने बताया कि गेट पर पहुंचने पर उन्होंने देखा कि स्थानीय लोग पहले ही जा चुके थे। एक टट्टू गाइड उन्हें वहां से ले गया और जल्द ही उन्हें भारतीय सेना के जवान मिले। उन्होंने सभी पर्यटकों को सुरक्षित किया।

भट्ट के अनुसार, सेना ने 20-25 मिनट के भीतर पहलगाम को कवर कर लिया। उन्होंने सभी पर्यटकों को 18-20 मिनट के भीतर कवर किया। सेना द्वारा कवर दिए जाने के बाद वे सुरक्षित महसूस कर रहे थे। उन्होंने भारतीय सेना का आभार व्यक्त किया।

भट्ट को जिपलाइन ऑपरेटर पर शक है। उन्होंने बताया कि जब वह स्लाइड कर रहे थे, तो उसने बात की और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। उसने तीन बार धार्मिक नारे लगाए और गोलीबारी शुरू हो गई। वह एक आम कश्मीरी जैसा लग रहा था। जंगल में हर जगह सेना की मौजूदगी थी, लेकिन मुख्य स्थान पर कोई भी सेना का अधिकारी नहीं था। मुख्य द्वार पर जम्मू और कश्मीर पुलिस के साथ-साथ तीन सुरक्षा गार्ड भी थे।

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