LOC पर फायरिंग: पाकिस्तानी इतिहास से सीख लें, बंदूक छोड़ पिचकारी खरीदें!
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22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है.

खबरों के अनुसार, हमले से पहले पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) के पास आर्टिलरी मूवमेंट बढ़ा दी थी, जिससे जंग की आशंका बढ़ गई थी.

29 अप्रैल को पाकिस्तान ने अखनूर, कुपवाड़ा और बारामुला में LOC के पास सीजफायर का उल्लंघन किया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई.

इस बीच, उन चार पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की चर्चा शुरू हो गई है जिन्होंने पहले भी भारत के खिलाफ जंग छेड़ी और हार का सामना किया है.

इतिहास का संक्षिप्त विवरण:

1947 में भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ. पाकिस्तान की सेना ने कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप सीजफायर लाइन बनी, जिसे आज LOC के रूप में जाना जाता है.

जनरल अय्यूब खान:

जनरल अय्यूब खान ने जानबूझकर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की शुरुआत की. 1958 में उन्होंने तख्तापलट किया और पाकिस्तान में सैन्य शासन स्थापित किया.

1960 में अय्यूब खान और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सिंधु नदी जल समझौते पर हस्ताक्षर किए. 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद, अय्यूब खान ने कश्मीर में विद्रोह को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया.

1965 में पाकिस्तानी फौजियों ने भारत से जुड़ी सरहद के पास गश्ती शुरू कर दी, जिसके बाद युद्ध हुआ. सोवियत यूनियन और अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद ताशकंद समझौता हुआ.

जनरल याह्या खान:

1969 में अय्यूब खान के इस्तीफे के बाद जनरल याह्या खान राष्ट्रपति बने. 1970 में पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह शुरू हो गया, जिसके परिणामस्वरूप 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ.

जनरल याह्या खान ने पूर्वी पाकिस्तान में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया, जिसमें लाखों लोगों की हत्या की गई. 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया, जिसके बाद भारत ने पूर्वी पाकिस्तान में हस्तक्षेप किया और बांग्लादेश का गठन हुआ.

16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया. 2 जुलाई 1972 को शिमला समझौता हुआ.

जनरल परवेज़ मुशर्रफ़:

जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने 1999 में कारगिल युद्ध की योजना बनाई. उन्होंने नवाज़ शरीफ़ सरकार को अंधेरे में रखा. पाकिस्तानी सैनिकों ने LOC पार करके भारतीय चौकियों पर कब्जा कर लिया.

भारत ने ऑपरेशन विजय शुरू किया और पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस हार के बाद मुशर्रफ़ ने तख्तापलट किया और पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने.

जनरल आसिम मुनीर:

जनरल आसिम मुनीर पर पहलगाम आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप है. वह टू नेशन थ्योरी का समर्थन करते हैं.

2019 में पुलवामा हमले के बाद, मुनीर ने भारत पर हमला करने का सुझाव दिया था. इमरान खान ने उन्हें ISI DG के पद से हटा दिया था. शहबाज़ शरीफ़ ने मुनीर को पाकिस्तानी आर्मी का प्रमुख बना दिया.

सूत्रों के अनुसार, मुनीर ने पाकिस्तान की आर्मी से रिटायर हुए लोगों की भर्ती की, जो सीमा पार करके भारत में हमले करते हैं.

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