पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया. इस आदेश की समय सीमा भी पूरी हो गई है.
हालांकि, बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिकों के देश में रहने की आशंका जताई जा रही है.
इनमें से एक पाकिस्तानी महिला असम में भी है, जिसे मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा वापस नहीं भेजना चाहते और इसके लिए केंद्र सरकार से गुजारिश की है.
रविवार को मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि तिनसुकिया जिले के एक नागरिक से शादी करने के बाद सिर्फ एक पाकिस्तानी नागरिक (महिला) ही राज्य में रह रही है.
डिब्रूगढ़ में एक समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशी नागरिकों की स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया है.
पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद केंद्र ने सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिया.
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, तिनसुकिया जिले में सिर्फ एक पाकिस्तानी नागरिक रह रही है और उनकी शादी एक स्थानीय व्यक्ति से हुई है. वह असम में रह रहीं एकमात्र पाकिस्तानी नागरिक हैं और उन्होंने दीर्घकालिक वीजा (Long Term Visas, LTV) के लिए आवेदन किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संबंध में भारत सरकार से यह क्लेयर करने का अनुरोध किया है कि उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए या नहीं. सरमा ने यह भी कहा कि इस मामले के अलावा असम में कोई और पाकिस्तानी नागरिक नहीं रह रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री ने उस महिला के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी.
तिनसुकिया जिले में रहने वाली यह पाकिस्तानी महिला इन दिनों चर्चा में है. राबिया आयुष, जो पाकिस्तान के कराची की रहने वाली हैं, ने 2013 में तिनसुकिया के मोहम्मद आयुष से शादी की थी. वीजा नहीं मिलने के कारण वह शादी के बाद पाकिस्तान में ही रह रही थीं. 2016 में उन्हें लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) मिला और वह असम आकर अपने पति के साथ रहने लगीं. उन्होंने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी तक उसे मंजूरी नहीं मिली है. मोहम्मद आयुष की मां भी पाकिस्तान की थीं, जिनकी 2016 में तिनसुकिया में मौत हो गई.
पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कड़े फैसले लिए, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल भारत छोड़कर जाने को कहा गया था. इसी आदेश के तहत अल्पकालिक वीजा (Short Term Visas) वाले पाकिस्तानियों के लिए भारत छोड़ने का आखिरी दिन था और अटारी-वाघा बॉर्डर क्रॉसिंग पर गाड़ियों की लंबी कतार देखी गई.
सरकार की ओर से पिछले हफ्ते वीजा रद्द करने की घोषणा के बाद 24 अप्रैल से अगले 4 दिनों में 9 अधिकारियों सहित 537 पाकिस्तानी नागरिक बॉर्डर प्वाइंट से भारत छोड़ चुके हैं. वहीं, इन 4 दिनों में पंजाब में स्थित बॉर्डर क्रॉसिंग के ज़रिए 14 अधिकारियों सहित कुल 850 भारतीय पाकिस्तान से वापस आ चुके हैं.
#WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma says, We have only one Pakistani citizen and she lives in Tinsukia district. She has married into a local family but she is originally from Pakistan. She has applied for a long term visa. We have asked the government of India to clarify… pic.twitter.com/1dz7ZEiyvO
— ANI (@ANI) April 27, 2025
जाट मूवी: सनी देओल का एक्शन अवतार, पर्दे के पीछे की मेहनत हुई उजागर
ईरान के बंदरगाह पर विस्फोट: हादसा या चीनी साजिश?
14 साल के वैभव ने मचाया तहलका, सचिन-युवराज भी हुए मुरीद!
वैभव सूर्यवंशी का तूफान! 14 वर्षीय बल्लेबाज ने गुजरात को किया बेबस, राजस्थान की करारी जीत
पहलगाम हमला: जिपलाइन ऑपरेटर से NIA की पूछताछ, अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने का आरोप
ब्रिटेन: 13 वर्षीय बच्ची से 5 मुस्लिमों का गैंगरेप, मानवता शर्मसार
वजीरिस्तान में बम धमाका, 7 की मौत, कई घायल
रैली में आपा खो बैठे सीएम सिद्दारमैया, पुलिस अफसर को थप्पड़ दिखाने का आरोप
धोनी ने CSK से निकाला, राष्ट्रपति मुर्मू ने पद्मश्री से नवाजा
आतंकी धर्म पूछते हैं क्या? : कांग्रेस MLA का बयान पार्टी के लिए बना मुसीबत