बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। पिछले पांच दिनों से नक्सलियों के खिलाफ चल रहे बड़े अभियान के दौरान, जवानों ने नक्सलियों के एक विशाल ठिकाने का पता लगाया है।
45 डिग्री सेल्सियस तापमान में भीषण गर्मी के बीच, जवानों ने पांच दिनों की कड़ी मेहनत के बाद इस ठिकाने तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। हालांकि, ऐसा लगता है कि जवानों के पहुंचने से पहले ही नक्सली वहां से भाग गए थे, क्योंकि वहां नक्सलियों की मौजूदगी के निशान मिले हैं।
बताया जा रहा है कि यह गुफा इतनी बड़ी है कि इसमें आराम से एक हजार से अधिक लोग कई दिनों तक शरण ले सकते थे। गुफा के अंदर पानी और आराम करने की सुविधाएँ मौजूद हैं। गुफा के अंदर एक बहुत बड़ा मैदान भी है।
सूत्रों के अनुसार, पहाड़ियों में मौजूद बड़ी संख्या में नक्सली डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं। चार दिनों से चल रहे इस ऑपरेशन के चलते नक्सली खाने के लिए भी तरस रहे हैं।
हालांकि नक्सलियों ने अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए लगभग 4 महीनों का राशन लेकर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में डेरा डाला था, लेकिन इस अभियान के कारण अब वो राशन भी उनके किसी काम का नहीं रहा। नक्सलियों के सामने अब मरो या आत्मसमर्पण करो की स्थिति बनी हुई है।
चारों ओर से घिरे नक्सली पहाड़ियों से नीचे उतरते हैं तो जवानों की गोलियों का शिकार हो जाएंगे और अगर जवानों से डर कर लंबे समय तक पहाड़ियों पर ही छुपे रहते हैं तो डिहाइड्रेशन का शिकार होकर मारे जाने का डर भी उन्हें सता रहा होगा।
सरकार और जवान भी इस ऑपरेशन पर तब तक डटे रहने पर अड़े हैं जब तक वे उन पूरी पहाड़ियों पर कब्जा नहीं कर लेते जिन पहाड़ियों में इस समय नक्सली छिपे हुए हैं।
कहा जा रहा है कि देश के मोस्ट वांटेड और करोड़ों के इनामी नक्सली कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर शरण लिए हुए हैं। इसी सूचना के आधार पर इस इलाके में यह बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
जवानों के बढ़ते दबाव और मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं के मारे जाने के डर से ही नक्सली नेता रूपेश ने एक प्रेस नोट जारी कर सरकार से इस अभियान को तुरंत रोकने और शांति वार्ता की पहल करने की अपील की है। यह भी संभव है कि पहाड़ियों से अलग स्थानों पर मौजूद नक्सली नेताओं को इस बात की खबर है कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में मौजूद उनके साथी डिहाइड्रेशन का शिकार होकर मारे जा सकते हैं।
*बीजापुर जिले की तेलंगाना से लगती सीमा पर कर्रेगट्टा की पहाड़ियों को घेरकर सैकड़ों की संख्या में सुरक्षाबलों के जवान पांच दिन से नक्सलियों के बिल से निकलने का इंतजार कर रहे हैं। इसी दौरान एक अंधेरी गुफा मिली। @DistrictBijapur #Chhattisgarh #AntiNaxalOperation #naxalite pic.twitter.com/TrGajuVV3m
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) April 26, 2025
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