मध्य प्रदेश पुलिस के लिए एक नया आदेश जारी हुआ है, जिसके अनुसार अब सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को राज्य के सांसदों और विधायकों को सैल्यूट करना अनिवार्य कर दिया गया है।
यह आदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना द्वारा जारी किया गया है।
इस आदेश पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने इस आदेश को लोकतंत्र पर हमला और वर्दी का अपमान बताया है।
पटवारी ने कहा कि ऐसे समय में जब राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है और पुलिस खुद अपराधियों के निशाने पर है, राज्य सरकार पुलिस को न्याय दिलाने के बजाय उन्हें सत्ता के प्रतीकों के सामने झुकने का आदेश जारी कर रही है। उन्होंने सरकार से इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
डीजीपी कैलाश मकवाना द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। चाहे वह कोई सरकारी कार्यक्रम हो, सामान्य मुलाकात हो, या थाने का दौरा, वर्दीधारी पुलिसकर्मियों को सांसदों और विधायकों को सम्मानपूर्वक सैल्यूट करना होगा।
इसके अतिरिक्त, आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई सांसद या विधायक किसी पुलिस अधिकारी के कार्यालय में मिलने आते हैं, तो अधिकारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर उनसे मिलना होगा, उनकी बात सुननी होगी और उनकी समस्याओं का कानूनी रूप से समाधान करना होगा।
यदि कोई जनप्रतिनिधि किसी जनसमस्या को लेकर फोन पर संपर्क करता है, तो संबंधित पुलिस अधिकारी को उनकी बात ध्यानपूर्वक सुननी होगी और विनम्रतापूर्वक जवाब देना होगा। इसके अतिरिक्त, सांसदों और विधायकों द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब समयबद्ध तरीके से और अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ देना अनिवार्य होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि पुलिस का मनोबल पहले से ही कमजोर है। वे एक तरफ अपराधियों से लड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा नेताओं के दबाव का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब यह आदेश उन्हें और भी कमजोर, झुका हुआ और भयभीत बना सकता है। पुलिस की निडर और निष्पक्ष कार्यप्रणाली में सत्ता दल के नेताओं का दखल बढ़ सकता है। यह आदेश लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों और संविधान की भावना जनता सर्वोच्च है का भी अपमान है।
पटवारी ने सवाल उठाया कि पुलिस की प्राथमिकता अपराध रोकना है या नेताओं को सलाम ठोकना? उन्होंने पूछा कि जब किसी मामले में विधायक थाने आकर दबाव बनाएंगे और पहले सलामी लेंगे, तब पुलिस स्वतंत्र जांच कैसे करेगी?
जीतू पटवारी ने कहा कि वह भाजपा सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हैं और मानते हैं कि यह अपरिपक्व निर्णय पुलिस के मनोबल को कमजोर करने की साजिश है। कांग्रेस ने इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
मुख्यमंत्री जी,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) April 26, 2025
सवाल साफ है - शराब/रेत/भूमाफिया को बचाने सत्ताधारी विधायक जब थाने पहुंचेंगे, तो सैल्यूट देने के बाद पुलिस के पास कार्रवाई के लिए कितनी हिम्मत बचेगी?
मैं @BJP4MP सरकार के इस निर्णय का विरोध करता हूं! यह कहना भी चाहता हूं कि यह अपरिपक्व निर्णय पुलिस के मनोबल को… pic.twitter.com/LINuUlNXbP
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