विदेशी मेहमानों के आने पर ही क्यों होते हैं आतंकी हमले? कब-कब निशाना बन चुके पर्यटक?
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कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद सेना ने बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की और फरार हो गए। सेना उनकी तलाश में जुटी है। हमले में कई लोगों के मारे जाने और घायल होने की जानकारी मिली है।

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इन दिनों भारत दौरे पर हैं और इसी दौरान आतंकियों ने कई साल बाद पर्यटकों को निशाना बनाया है। यह पहली बार नहीं है कि विदेशी मेहमान की भारत में मौजूदगी पर आतंकी बौखलाए हों। पाक समर्थित आतंकी पहले भी ऐसे हमलों को अंजाम दे चुके हैं।

2000 में भी पाकिस्तान ने ऐसी हिमाकत की थी। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर आने वाले थे, इससे एक दिन पहले कश्मीर के अनंतनाग जिले के चित्तीसिंहपुरा गांव में आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। हमले में कई लोग मारे गए थे। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। आतंकी सेना की वर्दी में आए थे। अब पहलगाम में वैसे ही हमले को अंजाम दिया गया है।

इस हमले के पीछे वजह मानी जा रही है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा से पहले यात्रियों में खौफ पैदा करना चाहते हैं। इससे पहले भी यात्रियों पर हमले हो चुके हैं।

🚨 Para commandos deployed to Pahalgam, Anantnag attack site. TRF reportedly claims responsibility for attack on tourists. Security forces intensify ops. #JammuKashmir #pahalgamattack pic.twitter.com/BQRvsZWtE3

— Pirzada Shakir (@pzshakir6) April 22, 2025

18 मई 2024: जयपुर के दंपती पर हमला

पिछले साल आतंकियों ने श्रीनगर में जयपुर से आए एक कपल पर फायरिंग की थी। आतंकी हमला लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हुआ था।

9 जून 2024: रियासी में हमला

धारा-370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में हमीद लहरी, जाकिर मूसा, अब्बास गाजी, बुरहान कोका, जुनैद सेहराई, रियाज नाइकू, बासित अहमद डार और गाजी हैदर जैसे कुख्यात आतंकी मारे जा चुके हैं। आतंकियों ने अपने पैर उखड़ते देख पिछले साल 9 जून को रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर फायरिंग की थी। हमले में 9 लोगों की मौत हुई थी, 33 घायल हुए थे।

श्रीनगर में हमला

14 नवंबर 2005 को आतंकियों ने श्रीनगर के लाल चौक इलाके में पल्लाडियम सिनेमा के सामने हमला किया था। हमले में सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद हुए थे। 2 नागरिक भी मारे गए थे। इसके अलावा एक जापानी पर्यटक समेत 17 लोग घायल हो गए थे।

पहलगाम में वारदात

4 जुलाई 1995 को पहलगाम के लिद्दरवाट में आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार के आतंकियों ने 8 लोगों का अपहरण किया था। इनमें 6 लोग यूके, अमेरिका, जर्मनी व नॉर्वे के रहने वाले थे। इसके अलावा 2 गाइड भी शामिल थे। एक पर्यटक की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर की रिहाई की मांग की थी।

डोडा और अनंतनाग में कायराना हमले

1-2 अगस्त 2000 को आतंकियों ने अनंतनाग और डोडा में अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया था। 5 हमलों में करीब 100 लोग मारे गए थे। 2 अगस्त को नुनवान बेस कैंप में आतंकी हमले में 7 दुकानदार, 21 यात्री और 3 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।

कैंप पर हमला

20 जुलाई 2001 को आतंकियों ने अमरनाथ हिमनद गुफा मंदिर के पास कैंप में हमला किया था। हमले में 8 यात्री, 3 स्थानीय नागरिक और 2 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।

पर्यटकों पर निशाने की वजह कश्मीर की अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर आधारित है। खौफ फैलाने के लिए आतंकी टूरिस्टों को निशाना बनाते हैं। इसका सीधा असर कश्मीर के टैक्सी वालों, होटल वालों, गाइड आदि की रोजी-रोटी पर पड़ता है। आजादी के बाद लगातार पाकिस्तान कश्मीर को अशांत करने की कोशिशों में लगा है। पाक को लगता है कि अगर कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी तो दुनिया को सब कुछ सामान्य लगेगा।

खबर अपडेट हो रही है।

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