बरेली जंक्शन पर एक महिला अपनी आठ महीने की बच्ची को एक नशेड़ी को सौंपकर दूध लेने गई, लेकिन लंबे समय तक वापस नहीं लौटी। नशेड़ी बच्ची को उठाकर पुलिस लाइन के एक खंडहर में ले गया।
बच्ची के रोने की आवाज़ सुनकर अभिनेत्री दिशा पाटनी की मेजर बहन, खुशबू पाटनी ने उसकी जान बचाई। खुशबू और उनकी मां ने दिन भर बच्ची की देखभाल की, और शाम को पुलिस ने उसकी मां को ढूंढ निकाला। इस दौरान जीआरपी की भूमिका निराशाजनक रही।
बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली गुफरान नामक महिला बदायूं जिले के बिनावर में अहिरवारा में विवाहित है। रविवार सुबह वह अपनी आठ महीने की बच्ची, इनायत, के साथ ट्रेन से बरेली आई थी।
सुबह करीब सात बजे गुफरान जंक्शन पर उतरी। उसे यहां से दूसरी ट्रेन पकड़कर अपने मायके बिहार जाना था। बच्ची को भूख लगी तो गुफरान ने उसे जंक्शन पर बैठे एक नशेड़ी युवक को थमा दिया और थोड़ी देर में आने की बात कहकर चली गई।
बताया जाता है कि नशेड़ी करीब आधा घंटे तक बच्ची को लेकर बैठा रहा। फिर उसकी मां को न आते देखकर वह बच्ची को रेलवे लाइन के किनारे ले गया। उसने बच्ची को चौपुला के पास पुरानी पुलिस लाइन के खंडहर पड़े क्वार्टर में छोड़ दिया।
बरेली पुलिस से रिटायर्ड सीओ जगदीश पाटनी (अभिनेत्री दिशा पाटनी के पिता) का आवास पुरानी पुलिस लाइन की दीवार से सटा है। रविवार सुबह उनकी पत्नी पदमा पाटनी घर की सफाई कर रही थीं। उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो स्वीमिंग से लौटी बेटी खुशबू पाटनी को बताया।
सेना में मेजर के पद से वीआरएस लेकर करीब साल भर से माता-पिता के साथ रह रहीं खुशबू तुरंत ही दीवार कूदकर उस पार गईं तो खंडहर में बच्ची रोती मिली। तब उन्होंने मां को भी बुला लिया। बच्ची को नहलाकर दूध पिलाया, और नए कपड़े खरीदे गए।
खुशबू ने बच्ची को उठाया और घर ले आईं। खुशबू और उनकी मां ने बच्ची को नहलाकर साफ किया और दूध पिलाया। खुशबू ने कॉल करके पिता जगदीश पाटनी को फार्म हाउस से बुला लिया। उन्होंने सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव को सूचना दी और बच्ची को चाइल्ड लाइन की देखरेख में जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती करा दिया गया।
कोतवाली पुलिस ने बच्ची के बारे में माइक से सूचना प्रसारण कराना शुरू कर दिया। खुशबू ने बाजार जाकर कुछ कपड़े खरीदे जो बच्ची को पहना दिए।
कोतवाली पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे तलाशने शुरू किए। बच्ची की मां, गुफरान, जंक्शन पर भटकती रही पर जीआरपी या आरपीएफ ने कोई सुध नहीं ली। थक हारकर महिला कोतवाली आई तो उसे बच्ची दिखाकर पहचान कराई गई। गुफरान अपनी बच्ची को पाकर खुशी से फूली न समाई। बच्ची भी मां को देखकर किलक उठी।
चाइल्ड लाइन के जरिये बच्ची को विधिवत मां को सौंपने के प्रयास शुरू हो गए।
डॉ. संदीप गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्ची जिला अस्पताल में आई थी। उसका चेकअप किया गया। उसकी हालत ठीक थी। कोई खास चोट या जख्म नहीं मिला। दोपहर तीन बजे करीब चाइल्ड लाइन की टीम उसे साथ ले गई।
पंकज श्रीवास्तव, सीओ सिटी प्रथम ने कहा कि लावारिस हालत में मिली बच्ची की मां बाद में मिल गई। वह जंक्शन पर उसे अपरिचित युवक को देकर चली गई थी। चाइल्ड लाइन के जरिये उसे मां को सौंपा जा रहा है। बच्ची की हालत बिल्कुल ठीक है। स्थानीय लोगों की सजगता की वजह से भी बच्ची को मां से मिलाना आसान हुआ।
*नशेड़ी ने खंडहर में फेंकी मासूम, दिशा पाटनी की मेजर बहन ने बचाई जान pic.twitter.com/i1Ah0zfzQn
— vikas kumar (@livevikaskumar) April 20, 2025
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