महाराष्ट्र: निलंबित पुलिस अधिकारी का EVM पर सनसनीखेज आरोप, चुनाव आयोग का करारा जवाब
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर एक निलंबित पुलिस अधिकारी के दावों ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

निलंबित पुलिस सब-इंस्पेक्टर रंजीत कासले ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि परली में ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी। उनका दावा है कि उन्हें इस मामले के कारण पद से हटाया गया और बाद में उनके खाते में 10 लाख रुपये जमा कराए गए।

चुनाव आयोग (ईसी) ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि ये आरोप एक असंतुष्ट पुलिस अधिकारी (निलंबित) द्वारा लगाए गए हैं।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम को सख्त कानूनी और प्रशासनिक प्रोटोकॉल के तहत रखा जाता है, और ईवीएम को बदलने की कोई संभावना नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम, एसएसपी और सीईओ से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव आयोग ने शनिवार को एक और बयान जारी कर कहा कि बीड के डीईओ और एसएसपी की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, बर्खास्त पीएसआई रंजीत कासले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी पर नहीं थे।

आयोग ने कासले के आरोपों को सार्वजनिक शांति और सद्भाव को भंग करने, और लोगों को राज्य के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने का प्रयास बताया है। डीईओ को कासले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

कासले ने पूर्व मंत्री और परली से एनसीपी विधायक धनंजय मुंडे पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि धनंजय मुंडे ने वाल्मिकी कराड का एनकाउंटर करने की पेशकश की थी, क्योंकि उन्हें डर था कि वह भी इसमें फंस जाएंगे।

कासले ने पहले भी एक वीडियो जारी कर मुंडे पर कराड का एनकाउंटर करने के लिए करोड़ों रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था।

कासले के अनुसार, वह परली में ईवीएम वाली जगह पर ड्यूटी पर थे। वाल्मीक कराड ने उन्हें बताया कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, इसलिए उन्हें इससे दूर रहना चाहिए। कासले ने यह भी दावा किया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान फर्जी मतदान की अनुमति नहीं दी थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान धनंजय मुंडे की नकदी जब्त कर ली गई थी, जिसके कारण उन्हें दरकिनार कर दिया गया और ऊपर से छुट्टी लेने का आदेश मिला, जिसके बाद उन्हें ईवीएम ड्यूटी से हटा दिया गया।

कासले ने यह भी बताया कि चुनाव के दिन 21 नवंबर को संत बालूमामा कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से उनके खाते में 10 लाख रुपये जमा किए गए थे।

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