पाकिस्तानी सेना प्रमुख के हिन्दू-मुसलमान पर दिए बयान पर पाकिस्तान में ही उठे सवाल
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पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच अंतर बताया, पर पाकिस्तान के अंदर ही तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. विशेषज्ञों और आम नागरिकों ने उनकी टिप्पणियों की आलोचना की है, जिसे विभाजनकारी और देश में अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत को बढ़ावा देने वाला बताया जा रहा है.

जनरल मुनीर ने इस्लामाबाद में ओवरसीज़ पाकिस्तानी कन्वेंशन को संबोधित करते हुए टू नेशन थिअरी की बात की थी. उन्होंने कहा था कि उनके पूर्वजों का मानना था कि वे हर आयाम में हिन्दुओं से अलग हैं, जिसमें मज़हब, रिवाज, परंपरा, सोच और मक़सद शामिल हैं.

इन टिप्पणियों की पाकिस्तान में कड़ी आलोचना हो रही है. निर्वासित पाकिस्तानी पत्रकार ताहा सिद्दीक़ी ने जनरल मुनीर पर हिन्दुओं के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने और टू नेशन थिअरी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह थिअरी 1971 में बांग्लादेश के बनने के बाद विफल हो गई थी. सिद्दीक़ी ने यह भी आरोप लगाया कि जनरल मुनीर बच्चों को झूठ सिखाने को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे युवाओं का ब्रेनवॉश करना आसान हो जाएगा.

बलूचिस्तान कननड्रम किताब की लेखिका मारिया मलिक ने भी जनरल मुनीर के वीडियो क्लिप को रीपोस्ट करते हुए कहा कि जिन्ना ने 11 अगस्त 1947 के अपने संबोधन में टू नेशन थिअरी को नकार दिया था. उन्होंने जनरल मुनीर को याद दिलाया कि पाकिस्तान में हिन्दू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है.

पाकिस्तानी लेखक और रिसर्चर अम्मार राशिद ने कहा कि 50 लाख से ज़्यादा पाकिस्तानी नागरिक हिन्दू हैं, जिनमें से सैकड़ों सेना में और हज़ारों सरकार में कार्यरत हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि एक पेशेवर सेना के प्रमुख के लिए सार्वजनिक रूप से हिन्दू और मुसलमानों के बीच अंतर बताना कैसे उचित या कानूनी है.

सूफ़ी स्कॉलर और पत्रकार सबाहत ज़कारिया ने जनरल मुनीर से पूछा कि अगर हिन्दुओं और मुसलमानों की बात हो रही है तो भारत में 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं, क्या पाकिस्तान उन सभी को अपने 24 करोड़ मुसलमानों में शामिल करने के लिए तैयार है. उन्होंने अफ़ग़ान मुसलमानों का भी हवाला दिया, जो दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं.

इतिहासकार इश्तियाक़ अहमद ने कहा कि जनरल मुनीर का बयान दर्शाता है कि हिन्दुस्तान से दोस्ती नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि टू नेशन थिअरी ने ही मुसलमानों के टुकड़े किए हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर हिन्दुओं के साथ समानता नहीं है तो क्या दुश्मनी रखना अनिवार्य है.

जाने-माने पत्रकार नजम सेठी ने कहा कि जनरल मुनीर ने अपने भाषण के ज़रिए दो-तीन संदेश दिए हैं, जिसमें प्रवासी पाकिस्तानियों को देशभक्त बताना और बलूचिस्तान के साथ कश्मीर की बात करके भारत को पैगाम देना शामिल है.

कुल मिलाकर, जनरल मुनीर के बयानों ने पाकिस्तान में एक बड़ी बहस छेड़ दी है. कई लोगों का मानना है कि उनकी टिप्पणियां देश में धार्मिक सद्भाव के लिए हानिकारक हैं और इससे अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत को बढ़ावा मिल सकता है.

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