सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो गई है। अदालत ने नए कानून को लेकर हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की और दोनों पक्षों को धैर्य बनाए रखने का सुझाव दिया। कल, 17 अप्रैल को दोपहर 2 बजे फिर से सुनवाई होगी।
CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पी.वी. संजय कुमार की बेंच दोनों पक्षों की दलीलें सुन रही है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं, जबकि कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सी.यू. सिंह कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाओं पर दलीलें रख रहे हैं।
अधिवक्ता बरुण सिन्हा ने बताया कि वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। CJI ने दोनों पक्षों को सुना और सुप्रीम कोर्ट कल भी कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगा। मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है, जबकि सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर स्पष्टीकरण दिया।
सुनवाई के दौरान, CJI ने SG तुषार मेहता से पूछा कि वक्फ बाई यूजर क्यों हटाया गया। उन्होंने कहा कि 14वीं-15वीं सदी की अधिकांश मस्जिदों में बिक्री विलेख नहीं होगा, क्योंकि अधिकांश मस्जिदें वक्फ बाई यूजर होंगी। इस पर SG ने कहा कि उन्हें इसे पंजीकृत करवाने से किसने रोका?
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर सरकार कहने लगी कि ये जमीनें सरकारी हैं तो क्या होगा? इन्हें वक्फ बाई यूजर ही मान्य किया जाए।
कपिल सिब्बल ने वक्फ कानून का विरोध करते हुए कहा कि आर्टिकल 26 कहता है कि सभी सदस्य मुस्लिम होंगे। कानून लागू होने के बाद से बिना वक्फ डीड के कोई वक्फ नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि विवाद की स्थिति में एक अधिकारी जांच करेगा, जो सरकार का होगा। यह असंवैधानिक है और पूरी तरह से सरकारी अधिग्रहण है।
सिब्बल ने संशोधित कानून की खामियां गिनाते हुए कहा कि अगर कोई अपनी संपत्ति पर अनाथालय बनाना चाहता है, तो इसमें क्या परेशानी है और उसे रजिस्टर कराना क्यों जरूरी है?
CJI खन्ना ने कहा कि वक्फ रजिस्टर कराने से यह रजिस्ट्रेशन आपकी मदद करेगा। जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि जो अल्लाह का है, वो वक्फ है। कानून में झूठे दावों से बचने के लिए वक्फ डीड का प्रावधान है। सिब्बल ने कहा कि यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाया गया है और अब 300 साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगी जा रही है।
सिब्बल ने कहा कि अगर किसी को वक्फ बनाना है तो उसे सबूत देना होगा कि वह पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहा है। उन्होंने सवाल किया कि अगर मैंने मुस्लिम धर्म में जन्म लिया है तो मैं ऐसा क्यों करूंगा? उन्होंने कहा कि यह 20 करोड़ लोगों के अधिकारों पर सवाल है और क्या अधिकारी तय करेंगे कि संपत्ति किसकी है, जिससे सरकारी दखल बढ़ेगा।
CJI संजीव खन्ना ने कहा कि हिंदुओं के मामले में भी सरकार ने कानून बनाया है और संसद ने मुस्लिमों के लिए भी कानून बनाया है। आर्टिकल 26 धर्मनिरपेक्ष है और यह सभी समुदायों पर लागू होता है।
गौरतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा में लंबी बहस के बाद 4 अप्रैल को संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित हुआ था और 5 अप्रैल को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। सरकार ने 8 अप्रैल से अधिनियम के लागू होने की अधिसूचना जारी की थी, जिसके बाद से वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
कांग्रेस, JDU, आम आदमी पार्टी, DMK और CPI के नेताओं, धार्मिक संगठनों, जमीयत उलेमा हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ कानून को चुनौती दी है। बीजेपी शासित मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम, महाराष्ट्र और उत्तराखंड सहित 7 राज्यों ने वक्फ कानून के समर्थन में याचिकाएं दायर की हैं।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, दिल्ली के AAP विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, ऑल केरल जमीयतुल उलेमा, और राजद सांसद मनोज कुमार झा की याचिकाएं शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर कुछ याचिकाओं में वक्फ कानून को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है, जबकि कुछ याचिकाओं में इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए इसे मनमाना और मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताया गया है।
सरकार का कहना है कि वक्फ विधेयक संपत्ति और उसके प्रबंधन के बारे में है, न कि धर्म के बारे में। सरकार ने यह भी कहा कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हैं और उससे गरीब मुसलमानों या महिलाओं और बच्चों को कोई मदद नहीं मिलती है, जिसे संशोधित कानून ठीक कर देगा।
#WATCH | Delhi | On SC hearing on Waqf Amendment Act, Advocate Barun Kumar Sinha says, Hearing of all the plea challenging the Waqf Amendment Act has been done by the SC...Both parties were heard, and the Supreme Court is to continue its hearing tomorrow on a batch of petitions… pic.twitter.com/bRObivEpve
— ANI (@ANI) April 16, 2025
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