बेट द्वारका में अवैध अतिक्रमण में मिला भूला-बिसरा हनुमान मंदिर, हनुमान जयंती पर हुआ पुनर्जनन
News Image

देवभूमि बेट द्वारका, 13 अप्रैल 2025: गुजरात के बेट द्वारका के बलापोर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान घास के मैदानों के बीच छुपा हुआ एक हनुमान मंदिर सामने आया।

स्थानीय बुजुर्गों से पूछताछ में पता चला कि जनसांख्यिकीय बदलाव और अवैध कब्जे के कारण यह मंदिर उपेक्षित हो गया था।

गुजरात पुलिस ने मंदिर को संरक्षित करने और पुनर्स्थापित करने की पहल की, जिसे हनुमान जयंती पर जनता के लिए फिर से खोला गया।

हनुमान जयंती, भगवान हनुमान के जन्मदिन का उत्सव, मंदिर के पुनर्जन्म के लिए एक अवसर बना।

मंदिर का पुनरुद्धार स्थानीय धरोहर को जीवित करता है और क्षेत्र की आध्यात्मिकता को मजबूत करता है।

तस्वीरों में मंदिर पहले घने जंगलों और घास के बीच छुपा हुआ था, लेकिन अब उसे साफ करके सुंदर बनाया गया है।

मंदिर के अंदर भगवान हनुमान की नारंगी रंग से सजी मूर्ति स्थापित है, जिसके सामने भक्तों ने फल, फूल और प्रसाद चढ़ाए हैं।

यह मंदिर बेट द्वारका द्वीप पर द्वारकाधीश मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर हनुमानदंडी में स्थित है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि यह वही स्थान है जहाँ भगवान हनुमान भगवान राम और लक्ष्मण से मिले थे।

मंदिर का पुनरुद्धार स्थानीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को पुनर्जीवित करता है।

गुजरात पुलिस और प्रशासन की यह कार्रवाई 2022 से चल रहे बेट द्वारका में अवैध अतिक्रमण हटाने के व्यापक अभियान का हिस्सा है।

इस अभियान का उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करना है। जनवरी 2025 में इस अभियान के तहत 45-50 अवैध निर्माणों को हटाया गया।

अधिकारियों का कहना है कि अवैध अतिक्रमण के कारण क्षेत्र में जनसांख्यिकीय असंतुलन पैदा हो गया था, और कुछ अपराधियों ने इन क्षेत्रों का उपयोग नशीली दवाओं की तस्करी जैसे अपराधों के लिए करना शुरू कर दिया था।

स्थानीय लोगों ने गुजरात पुलिस और प्रशासन को धन्यवाद दिया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, यह मंदिर हमारी धरोहर का हिस्सा है, और इसके पुनरुद्धार से हमें अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने का मौका मिला है।

हनुमान जयंती के दिन मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी, और सभी ने इस पुनर्जन्म को एक सकारात्मक कदम बताया।

गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा, हनुमान जयंती के अवसर पर इस मंदिर को फिर से खोलना हमारे लिए गर्व की बात है। यह स्थानीय धरोहर और आध्यात्मिकता को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।

इस पहल ने न केवल एक धार्मिक स्थल को बचाया, बल्कि क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवस्था को भी मजबूत किया है।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

धोनी के खिलाफ जाकर गेंदबाज ने लिया रिव्यू, कैप्टन कूल हुए गलत साबित!

Story 1

रोहित को कप्तान बनाओ! नीता अंबानी से फैन की गुहार, मिला ये जवाब

Story 1

विराट का बल्ला गायब, ड्रेसिंग रूम में मचा हड़कंप, फिर कोहली ने दी साथी खिलाड़ियों को गाली !

Story 1

लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में भीषण आग, मरीजों को सुरक्षित निकाला गया, सीएम योगी ने लिया संज्ञान

Story 1

पंजाब किंग्स को करारा झटका, स्टार गेंदबाज IPL 2025 से बाहर होने की कगार पर!

Story 1

गोलगप्पे के सपने दिखाकर आलसी बेटे ने खाई चांटे, मां ने दिखाए दिन में तारे

Story 1

बेटी की शादी में ससुराल वालों को दिया दहेज, देखकर दंग रह गए बाराती!

Story 1

यमराज के साथ उठना-बैठना है... नदी में गिरा ट्रक तो छत पर बैठकर तंबाकू रगड़ने लगा शख्स!

Story 1

वायरल वीडियो: ये है मॉर्डन चतुर तोता, नल खोलकर बुझाता है प्यास!

Story 1

मुर्शिदाबाद में BSF पर पेट्रोल बम और ईंटों से हमला, हालात तनावपूर्ण