भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच लड़ाई हुई थी। अब इस घटना की असली वजह सामने आ रही है।
टीएमसी सूत्रों के अनुसार, यह सारा विवाद तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ सांसद की वजह से शुरू हुआ। कीर्ति आज़ाद संसद में संदेश नाम की मिठाई की दुकान का आउटलेट खुलवाना चाहते थे, जिसका कल्याण बनर्जी ने विरोध किया।
कल्याण बनर्जी को पता चला कि कीर्ति आज़ाद ने कुछ महिला सांसदों के हस्ताक्षर के साथ एक आवेदन पत्र तैयार किया है ताकि संसद में संदेश मिठाई का आउटलेट खोला जा सके। कल्याण बनर्जी ने इसका विरोध किया।
जानकारी के अनुसार, 4 अप्रैल को कल्याण बनर्जी ने सात-आठ टीएमसी सांसदों के हस्ताक्षर के साथ एक ज्ञापन देने की योजना बनाई थी। लेकिन जब एक महिला सांसद को पता चला कि उस ज्ञापन में उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, तो विवाद खड़ा हो गया।
टीएमसी सूत्रों के अनुसार, कल्याण बनर्जी इस महिला सांसद से नाराज़ हैं। वहीं, महिला सांसद ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कल्याण बनर्जी की शिकायत की है।
अमित मालवीय ने दावा किया था कि ज्ञापन लेकर जाने वाला सांसद संसद की बैठक में शामिल नहीं हुआ और सीधे चुनाव आयोग के पास चला गया। इससे एक अन्य सांसद नाराज हो गया, और आयोग में आमने-सामने होने पर उनसे भिड़ गया। इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और वे एक-दूसरे पर चिल्लाने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि एक सांसद ने पुलिस से हस्तक्षेप करने को कहा। मालवीय के अनुसार, मामला ममता बनर्जी तक पहुंचा, जिन्होंने कथित तौर पर दोनों सांसदों को शांत रहने के लिए कहा।
मालवीय ने आगे दावा किया कि झगड़ा यहीं खत्म नहीं हुआ, बल्कि AITC MP 2024 व्हाट्सएप ग्रुप में भी फैल गया, जहां दोनों तरफ से पक्ष रखे गए और एक-दूसरे पर कटाक्ष किए गए। उन्होंने साथ ही यह सवाल भी उठाया कि वह बहुमुखी अंतरराष्ट्रीय महिला कौन है?
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सएप चैट भी शेयर की है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच हुई बहस है। चैट में कल्याण बनर्जी लिखते हैं कि वे कोलकाता पहुंच गए हैं और कीर्ति आज़ाद को अपनी बीएसएफ और दिल्ली पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए भेजने को कहते हैं। वे इंटरनेशनल ग्रेट लेडी के साथ उनके अच्छे संबंधों का उल्लेख करते हैं।
चैट में आगे कीर्ति आज़ाद के हैंडल से जवाब आता है जिसमें वे कल्याण बनर्जी को शांत रहने और बच्चों जैसा व्यवहार न करने को कहते हैं। वे उनसे दीदी (ममता बनर्जी) के भरोसे का सम्मान करने और सबको साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी निभाने का आग्रह करते हैं।
इसके जवाब में कल्याण बनर्जी कीर्ति आज़ाद को सलाह न देने और बीजेपी से निकाले जाने की याद दिलाते हैं। वे कीर्ति आज़ाद पर पार्टी को बेचने का आरोप लगाते हैं और उन्हें अपनी ताकत दिखाने के लिए गिरफ्तार करवाने की चुनौती देते हैं। वे दुर्गापुर जाकर उनकी पोल खोलने की धमकी भी देते हैं।
*On 4th April 2024, two TMC MPs had a public spat at the headquarters of the Election Commission of India, where they had gone to submit a representation. It appears the party had instructed its MPs to gather at the Parliament office to sign the memorandum before proceeding to the… pic.twitter.com/BwqQRE8FhI
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 7, 2025
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