सफ़ेद टीशर्ट में राहुल गांधी की एंट्री: क्या पलायन यात्रा बिहार की राजनीति में लाएगी भूचाल?
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राहुल गांधी ने सोमवार को बिहार के बेगूसराय में पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा में शामिल होकर राज्य की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया। यह पदयात्रा बेरोजगारी, शिक्षा की गिरती गुणवत्ता और युवाओं के पलायन जैसे मुद्दों पर केंद्रित है, और इसका नेतृत्व कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने पदयात्रा में शामिल होकर बिहार के युवाओं को संदेश दिया कि कांग्रेस उनके भविष्य की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि वे बिहार के युवाओं की ऊर्जा को तकनीक और रोजगार में बदलना चाहते हैं। यह संदेश न केवल युवाओं को प्रेरित करने वाला था, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की तैयारियों का भी संकेत था।

राहुल गांधी ने बिहार के युवाओं से सफेद टी-शर्ट पहनकर पदयात्रा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि सफेद रंग पवित्रता, संघर्ष और बदलाव की उम्मीद का प्रतीक है। यह कदम युवाओं को एकजुट करने और एक विजुअल पावर बनाने की रणनीति है, जिसका मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर व्यापक असर होगा।

यह पदयात्रा पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई थी और बेगूसराय पहुंची है। यात्रा का उद्देश्य बेरोजगारी खत्म करना, पलायन रोकना, और बिहार को विकास की पटरी पर लाना है। कन्हैया कुमार, जो खुद बेगूसराय से चुनाव लड़ चुके हैं, इस यात्रा का चेहरा बने हुए हैं।

आज राहुल गांधी बेगूसराय में पदयात्रा में भाग लेंगे, पटना में संविधान संरक्षण सम्मेलन में भाषण देंगे और कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार को फिर से अवसरों की भूमि बनाना उनका उद्देश्य है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि यह पदयात्रा राजनीतिक प्रदर्शन नहीं, बल्कि युवाओं की हकीकत को सामने लाने का मंच है। पूर्व विधायक अमिता शर्मा ने कहा कि पार्टी अब केवल विरोध नहीं कर रही, बल्कि समाधान देने का भी प्रयास कर रही है।

हाल ही में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी बिहार से 2024 या 2025 के चुनाव लड़ सकते हैं, खासकर जब वे लगातार राज्य के मुद्दों पर बोल रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी की यह यात्रा 2025 विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ग्राउंड तैयार करने की रणनीति का हिस्सा है। जिस तरह से युवाओं को सीधे जोड़ने की कोशिश की जा रही है, उससे एनडीए और बीजेपी में हलचल तेज हो सकती है।

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