बलूचिस्तान में तनाव चरम पर है. बलूच लिबरेशन आर्मी से जुड़ी बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (बीएनपी-एम) के हजारों समर्थक क्वेटा की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें घेर लिया है.
पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को क्वेटा की ओर बढ़ने से रोकने के लिए भारी संख्या में बल तैनात किया है. उन्हें चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने आगे बढ़ने की कोशिश की तो उन्हें रौंद डाला जाएगा.
पाकिस्तानी सेना का उद्देश्य बीएनपी-एम के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल को गिरफ्तार करना है, ताकि किसी भी तरह बलूच विद्रोहियों को क्वेटा पहुंचने से रोका जा सके. सुरक्षा बलों ने लकपास में बलूच नेताओं को घेर लिया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हजारों सैनिक मौजूद हैं. बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद का कहना है कि सरदार अख्तर मेंगल को शांति से लौट जाने के लिए कहा गया था, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया है. उनके अनुसार, अगर वे एक कदम भी आगे बढ़ाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
पाकिस्तानी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा, अगर आप क्वेटा की ओर बढ़े, तो अंजाम अच्छा नहीं होगा. हम किसी भी कीमत पर कानून-व्यवस्था को बिगड़ने नहीं देंगे. मस्तुंग में भारी सैन्य और बख्तरबंद वाहनों की तैनाती से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
सरदार अख्तर मेंगल ने पाकिस्तानी सेना पर बल प्रयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तानी सेना ने उन्हें घेर लिया है, लेकिन उनका हौसला नहीं टूटेगा. क्वेटा तक मार्च उनकी बहनों की रिहाई और बलूच सम्मान के लिए है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका मार्च शांतिपूर्ण है और अगर सरकार और सेना उन्हें रोकने के लिए हिंसा का सहारा लेती है, तो इसके लिए वे पूरी तरह जिम्मेदार होंगे. उन्होंने अपने समर्थकों से क्वेटा की ओर बढ़ने के लिए तैयार रहने की अपील की है.
प्रदर्शनकारी पिछले 10 दिनों से बीवाईसी नेताओं की रिहाई और बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों के मुद्दे पर विरोध कर रहे हैं. शनिवार आधी रात को सरकार को दी गई मांगों की समय सीमा खत्म होने के बाद बीएनपी-एम ने क्वेटा की ओर मार्च करने का ऐलान किया था. लेकिन सुरक्षा बलों ने लकपास टनल और कुंद मसूरी जैसे प्रमुख रास्तों को कंटेनरों से बंद कर दिया और इलाके को सील कर दिया. फिर भी वे झुकने को तैयार नहीं हैं.
बलूच विद्रोहियों के समर्थन में सोशल मीडिया में भी आवाजें उठ रही हैं. कुछ यूजर्स ने दावा किया कि लकपास में इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं ताकि जानकारी बाहर न पहुंचे. उन्होंने यह भी कहा कि सुबह से ड्रोन उड़ रहे हैं और सैनिकों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे युद्ध जैसा माहौल है. सोशल मीडिया पर #BalochLongMarch, #BalochLivesMatter, #QuettaMarch, #FreeMahrang, और #StopBalochGenocide जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं.
#BalochLongMarch @BBCWorld @AlJazeera @ajplus @dw_hotspotasia please give coverage to Baluchistan pic.twitter.com/chs3wmsu3t
— Benjam!n Baluch (@Mbaloushi211) April 6, 2025
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