वक्फ बिल पर मचा घमासान: नीतीश चुप, मांझी का समर्थन, विपक्ष का हल्ला बोल
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संसद के बजट सत्र के समापन से पहले वक्फ बिल पर सियासी घमासान तेज हो गया है। पक्ष और विपक्ष दोनों ही वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर आमने-सामने हैं। 2 अप्रैल, 2025 को दोपहर 12 बजे यह बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा।

केंद्र सरकार लोकसभा में बिल पारित करवाने के बाद 3 अप्रैल को इसे राज्यसभा में पेश कर सकती है। हालांकि, इस बिल को लेकर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया है।

सत्तापक्ष के नेता वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। बीजेपी सांसद और अभिनेता रवि किशन का कहना है कि यह बिल गरीब मुसलमानों के फायदे के लिए है। इससे उनके लिए स्कूल, कॉलेज बनेंगे और विभिन्न कार्य किए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी वक्फ बिल का समर्थन किया है। उनका कहना है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी बवाल हुआ था, इसी तरह तीन तलाक का भी विरोध किया गया था। वक्फ बिल मुसलमानों के हित में है और वे इसे पारित करने के लिए तैयार हैं।

बीजेपी सांसद मयंक नायक के अनुसार वक्फ बिल सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र पर आधारित है। उनका कहना है कि इस बिल से सभी को न्याय मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी वक्फ बिल का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्ष जानबूझकर लोगों को भ्रमित कर रहा है। उनके अनुसार वक्फ बोर्ड हमेशा से कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में रहा है, जिसका फायदा गरीब मुसलमानों को नहीं मिलता है। सरकार चाहती है कि वक्फ की संपत्ति का फायदा सभी मुसलमानों को हो।

दूसरी ओर, केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले वक्फ संशोधन अधिनियम का पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है।

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज झा का कहना है कि इस देश में संपत्ति का संकेंद्रण महज 5 प्रतिशत लोगों के पास है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार इस मामले पर बिल कब लाएगी?

समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी वक्फ बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है कि बीजेपी का हर फैसला वोट बैंक के लिए होता है। सपा वक्फ बिल के सख्त खिलाफ है।

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी वक्फ बोर्ड का विरोध किया है। ओवैसी का कहना है कि यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है, जो अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 का उल्लंघन है। उन्होंने इसे वक्फ बर्बाद बिल करार दिया, जिसका मकसद मुसलमानों से नफरत फैलाना है।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी बिल का विरोध करते हुए कहा कि सदन में लोकतंत्र की आवाज को कुचला जा रहा है।

जहां सभी दल वक्फ संशोधन बिल पर अपनी-अपनी राय रख रहे हैं, वहीं NDA के सबसे बड़े सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार इस बिल का समर्थन करेंगे या नहीं।

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