बैंकॉक में 1300KM दूर भूकंप से तबाही, 5 देशों में कंपन, 50 से ज्यादा मौतें: भारत सुरक्षित
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म्यांमार में आए 7.7 रिक्टर पैमाने के भूकंप ने म्यांमार और थाईलैंड में भयानक तबाही मचाई है।

बैंकॉक, म्यांमार के उस सगाइंग क्षेत्र से करीब 1300KM दूर है, जहां भूकंप का केंद्र था। इसके बावजूद वहां कई मकान ढह गए हैं और कम से कम 59 लोगों के मारे जाने की खबर है।

हालांकि, सगाइंग क्षेत्र से लगभग 300KM की दूरी पर स्थित भारत में इसका असर नहीं हुआ। लेकिन दुनिया के पांच देशों की सीमाओं पर धरती कांप उठी।

भूकंप का केंद्र म्यांमार में था, और भारत के इलाके उससे कुछ दूरी पर स्थित थे। भूकंपीय तरंगें दूरी के साथ अपनी ऊर्जा खो देती हैं। पूर्वोत्तर भारत में झटके महसूस हुए, लेकिन केंद्र से दूरी के कारण उनकी तीव्रता कम हो गई। इसका सबसे बड़ा असर टेक्टोनिक प्लेटों की वजह से कम हुआ। म्यांमार में एक के बाद एक भूकंप के 6 झटके लगे।

शुक्रवार को म्यांमार में 7.7 और 6.4 तीव्रता के दो भूकंप की वजह से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी तेज झटके लगे। वहीं, भारत के मेघालय और पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस किए गए। इसके अलावा बांग्लादेश और चीन के यूनान प्रांत में भी भूकंप के झटके लगे।

ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र की आबादी 1.70 करोड़ से अधिक है, जिनमें से कई लोग ऊंची इमारतों वाले अपार्टमेंट में रहते हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे भूकंप आने पर इमारतों में अलार्म बजने लगे और घनी आबादी वाले मध्य बैंकॉक की ऊंची इमारतों एवं होटल से लोगों को बाहर निकाला गया। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि कुछ ऊंची इमारतों के अंदरूनी हिस्सों में स्वीमिंग पूल में पानी में लहरें उठती दिखीं।

बैंकाक के मॉल में कैमरा उपकरण खरीदने आए स्कॉटलैंड के पर्यटक फ्रेजर मॉर्टन ने बताया कि अचानक पूरी इमारत हिलने लगी जिससे वहां चीख-पुकार मच गई। बैंकाक की रहने वाली हंगरी निवासी सुजसन्ना वारी-कोवाक्स ने बताया कि म्यांमा में पहले भी दो बार भूकंप का अनुभव किया है, लेकिन वह केवल एक सेकंड का था, लेकिन यहां यह कम से कम एक मिनट तक महसूस किया।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इमारत हिल रही थी और फिर धूल व मलबे का गुब्बार उठा। बैंकाक में दोपहर करीब 1:30 बजे भूकंप आने पर इमारतों में चेतावनी अलार्म बजने लगे और घबराए हुए निवासियों को ऊंची इमारतों और होटलों की सीढ़ियों से नीचे उतारा गया।

मांडले के दक्षिण-पश्चिम में सागइंग क्षेत्र में 90 वर्ष पुराना एक पुल ढह गया तथा मांडले और म्यांमा के सबसे बड़े शहर यंगून को जोड़ने वाले राजमार्ग के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए। भूकंप की वजह से यंगून के निवासी अपने घरों से बाहर निकल आए। म्यांमार की राजधानी नेपीता में भूकंप से धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा, उनके कुछ हिस्से ढह गए तथा कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

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