दिल्ली-एनसीआर में आज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। नोएडा और गाजियाबाद सहित कई इलाकों में लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.2 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र म्यांमार (बर्मा) में था।
वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें तैरती रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकरा जाती हैं। टकराने के कारण प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और टूटने लगते हैं।
इससे नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने के लिए जगह ढूंढने लगती है, जिसके कारण डिस्टर्बेंस होता है और फिर भूकंप आता है।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 0 से 9 या उससे ज्यादा तक मापी जाती है। 5 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप खतरनाक माना जाता है।
6 से 6.9 की तीव्रता में इमारतों की नींव दरक जाती है, जबकि 7 से ज्यादा में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से ज्यादा की तीव्रता में इमारतों समेत बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
भूकंप अगर 9 या उससे ज्यादा तीव्रता का हो तो संपूर्ण विनाश हो सकता है। मैदान में खड़े होने पर धरती लहराती हुई दिखने लगती है। समुद्र नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है, जिससे भूस्खलन और हिमस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
साल 1920 में चीन में भूकंप के बाद लैंडस्लाइड हुआ था, जिसमें दो लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। 2004 में इंडोनेशिया में भूकंप के बाद आई सुनामी में 2.30 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
भारत में सबसे विनाशकारी भूकंप 1934 में आया था, जिसकी तीव्रता 8.1 थी और इसमें 30 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
*Earthquake of magnitude 7.2 on the Richter scale hits Myanmar, says National Center for Seismology. pic.twitter.com/k0RQVKfbsZ
— ANI (@ANI) March 28, 2025
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