सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है, जिसमें कहा गया है कि कॉमेडी सिर्फ मजाक या कमेंट नहीं है, बल्कि यह जीवन को सार्थक बनाती है। यह टिप्पणी कांग्रेस माइनॉरिटी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ एक कांग्रेस सांसद की याचिका का निपटारा करते हुए की गई।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने जोर देकर कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना न्यायालय का कर्तव्य है, खासकर जब बात अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हो। अदालत ने कहा कि कविता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को और ज्यादा सार्थक बनाते हैं। बेशक लोग दूसरे द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन विचार व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज भड़काऊ गीत मामले में प्राथमिकी को भी रद्द कर दिया।
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हास्य अभिनेता कुणाल कामरा के व्यंग्यात्मक स्टैंड-अप एक्ट के बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
क्या है इमरान प्रतापगढ़ी मामला?
कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रतापगढ़ी ने गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी FIR रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा था कि जांच अभी शुरुआती चरण में है, इसलिए केस खारिज नहीं किया जा सकता।
3 जनवरी को प्रतापगढ़ी पर जामनगर में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह को लेकर भड़काऊ गीत शेयर करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे) सहित कई धाराएं शामिल की गई थीं।
प्रतापगढ़ी द्वारा एक्स हैंडल पर अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में उन्हें फूलों की बारिश के बीच हाथ हिलाते हुए दिखाया गया है, साथ ही बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा है। एफआईआर में दावा किया गया है कि गाने के बोल भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रतापगढ़ी को बड़ी राहत दी है।
*The Supreme Court on Friday (March 28) quashed an FIR registered by the Gujarat Police against Congress Rajya Sabha MP Imran Pratapgarhi over his Instagram post featuring a video clip with the poem “Ae khoon ke pyase baat suno” in the background.
— Live Law (@LiveLawIndia) March 28, 2025
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