100 चूहे खाकर... सौगात-ए-मोदी पर प्रकाश आंबेडकर का हमला, पीएम मोदी पर उठाए तीखे सवाल
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वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी जा रही सौगात-ए-मोदी किट पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इस ईद से पहले दी जा रही किट को लहू से भीगी हुई सौगात बताया है।

बीजेपी अल्पसंख्यक विंग ने घोषणा की है कि ईद से पहले 32 लाख गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को सौगात-ए-मोदी किटें वितरित की जाएंगी, जिसमें खाने-पीने की चीजें और कपड़े शामिल हैं।

प्रकाश आंबेडकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाली कहावत को यह खबर चरितार्थ कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन हाथों पर मुसलमानों का खून लगा है, वही हाथ आज रमजान में 32 लाख मुस्लिम भाई-बहनों को मुबारकबाद दे रहे हैं। गुजरात दंगों से लेकर मॉब लिंचिंग में मारे गए हर मुसलमान तक, आज वही हाथ खजूर और सेवइयां देकर मुसलमानों को बहलाने की कोशिश कर रहे हैं।

आंबेडकर ने सवाल उठाया कि क्या मुसलमान तबरेज अंसारी, मोहम्मद अखलाक, जुनैद खान, अलीमुद्दीन अंसारी, पहलू खान, मोहसिन शेख, मोहम्मद कासिम, सिराज खान, जैनुल अंसारी, रकबर खान और ऐसे कई नामों को भूल जाएंगे, जो उनकी नफरत का शिकार हुए। क्या 2002 के दंगों में बिलकिस बानो की चीखों को नजरअंदाज करके मुसलमान सलवार-कमीज और कुर्ता-पायजामा स्वीकार करेंगे? क्या पैगंबर की शान में गुस्ताखी को भुलाकर मुसलमान ड्राई फ्रूट्स लेंगे?

उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ तरमीम बिल के जरिए मुसलमानों की जमीन पर निशाना साधा जा रहा था और देशभर में बुलडोजर के जरिए उनकी पहचान को रौंदा जा रहा है। इन तमाम हालातों के बावजूद मुसलमान किस मुंह से सौगात-ए-मोदी लेने को तैयार हो रहे हैं?

आंबेडकर ने सवाल उठाया कि उन मौलवियों से पहले सवाल किया जाना चाहिए, जो इस मुद्दे पर चुप बैठे हैं। उन्होंने कहा कि ये वही मौलवी हैं जो चुनाव में एक्सपर्ट बन जाते हैं और यह बताते हैं कि किसे वोट देना है और किसे नहीं।

उन्होंने पूछा कि ये मौलवी क्यों चुप हैं, जो पहले CAA और NRC में मुसलमानों के साथ खड़े थे, पैगंबर की शान में गुस्ताखी के खिलाफ आवाज उठाने वालों को नजरअंदाज करने की सलाह देते हैं, और हर दुख में मुसलमानों के साथ खड़े लोगों को भुलाकर जनेऊधारियों के लिए वोट मांगते हैं।

आंबेडकर ने मुसलमानों से जागने और अपने दोस्त और दुश्मन को पहचानने का आह्वान किया है।

उल्लेखनीय है कि 2019 के चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी को अल्पसंख्यक समुदाय के अच्छे वोट मिले थे, जिसके समर्थन से औरंगाबाद सीट से एमआईएम के इम्तियाज जलील चुनाव जीते थे। वंचित के कारण कांग्रेस और एनसीपी को चुनाव में नुकसान हुआ था, लेकिन 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी से अल्पसंख्यक वोटर दूर हो गए, जिसके कारण कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं सका।

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