बुधवार को लोकसभा में असामान्य स्थिति तब उत्पन्न हुई जब स्पीकर ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष (LOP) राहुल गांधी को संसदीय मर्यादा का पाठ पढ़ाया. इसके बाद सदन को अचानक स्थगित कर दिया गया, जिस पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे अलोकतांत्रिक बताया.
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने अन्य नेताओं के साथ लोकसभा स्पीकर से मुलाकात कर जवाब मांगने की कोशिश की. कांग्रेस का दावा है कि उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला.
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि राहुल गांधी को सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई. शून्यकाल के दौरान, जब सांसद अपने राज्यों के मुद्दे उठा रहे थे, स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सांसदों, विशेषकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए.
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, जैसे ही राहुल गांधी बोलने के लिए खड़े हुए, स्पीकर ने सदन को स्थगित कर दिया. राहुल गांधी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लोकसभा अलोकतांत्रिक तरीके से चलाई जा रही है और उन्हें एक सप्ताह से बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
स्पीकर के इस फैसले के बाद गौरव गोगोई समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनसे मिलने पहुंचे. गोगोई ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आया कि स्पीकर ने अचानक ऐसा निर्णय क्यों लिया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार नेता प्रतिपक्ष के संवैधानिक पद का अनादर कर रही है.
गोगोई ने सवाल किया, राहुल गांधी को बोलने क्यों नहीं दिया गया? स्पीकर की टिप्पणी उनके विशेषाधिकार में आती है, लेकिन संसदीय परंपरा के अनुसार नेता प्रतिपक्ष को सुना जाना चाहिए.
लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी को टोकते हुए कहा था कि आप सबसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप सदन में सदन की मर्यादा और उच्च मानदंडों को बनाए रखें. इस सदन में पिता-पुत्री, मां-बेटी, पत्नी-पति सदस्य रहे हैं, इस परिप्रेक्ष्य में मेरी नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा है कि वे लोकसभा प्रक्रिया में पालनीय नियम 349 के अनुसार आचरण करें.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के गाल को छूते हुए उन्हें सीट से उठने का इशारा कर रहे हैं. मालवीय ने लिखा कि यह शर्मनाक है कि लोकसभा स्पीकर को राहुल गांधी को संसदीय शिष्टाचार की याद दिलानी पड़ी.
कांग्रेस केंद्र सरकार पर संसद में विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने का आरोप लगा रही है. गोगोई ने कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं के माइक्रोफोन बंद कर रही है, महत्वपूर्ण मंत्रालयों से जुड़े प्रश्नों पर चर्चा नहीं की जाती और मंत्रियों से संतोषजनक उत्तर नहीं मिलते.
गोगोई ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि असहमति लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन संसद में असहमति को दबाने की कोशिश की जाती है. विपक्ष के नेताओं, विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष को संविधान द्वारा दी गई गरिमा से वंचित किया जा रहा है.
It is disgraceful that the Lok Sabha Speaker has to remind Rahul Gandhi, the Leader of Opposition, about basic parliamentary decorum. The fact that Congress has imposed this puerile man upon us is truly unfortunate. pic.twitter.com/B8BKoFgYWt
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 26, 2025
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