रीवा नगर निगम में हाथापाई: बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच कुर्ता फाड़!
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रीवा, मध्य प्रदेश से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। नगर निगम परिषद की बैठक में बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद इस कदर भिड़ गए कि एक-दूसरे के कपड़े फाड़ दिए।

बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद हाथापाई शुरू हो गई। यह अप्रत्याशित और शर्मनाक घटना सदन की कार्यवाही में बाधा बनी।

विवाद की शुरुआत तब हुई जब बीजेपी पार्षद समीर शुक्ला ने बजट पुस्तिका में प्रस्तावित महापुरुषों की मूर्तियों की स्थापना पर सवाल उठाए। प्रस्ताव में परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद, महात्मा गांधी, यमुना प्रसाद शास्त्री और 15 अन्य महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने की योजना थी।

बीजेपी पार्षदों ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई और कांग्रेस पर महापुरुषों का सम्मान न करने का आरोप लगाया। समीर शुक्ला ने कहा, हम इस बजट की अर्थी निकालते हैं और कांग्रेस से माफी की मांग की।

मामला तब और बढ़ गया जब कांग्रेस पार्षद मनीष नामदेव ने गंगाजल बताकर पानी की बोतल से सदन में सभी पार्षदों और अध्यक्ष पर पानी छिड़क दिया। कांग्रेस का कहना था कि यह एक रणनीतिक कदम था, जबकि बीजेपी ने इसे बाथरूम का गंदा पानी करार दिया।

मनीष नामदेव ने कहा कि यह सुनियोजित हंगामा था और गंगाजल छिड़कने का उद्देश्य बीजेपी के विरोध को उठाना था, खासकर क्योंकि वह ओबीसी समाज से आते हैं।

इसके बाद सदन में हंगामा बढ़ गया, जिससे मारपीट तक की नौबत आ गई और पार्षद एक-दूसरे का कुर्ता फाड़ते नजर आए। बीजेपी पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों से माफी की मांग की, जबकि कांग्रेस पार्षदों ने इसे बीजेपी द्वारा पूर्व नियोजित हिंसा बताया। वार्ड-19 के बीजेपी पार्षद समीर शुक्ला ने आरोप लगाया कि उनका गला दबाने की कोशिश की गई और इसे जानलेवा साजिश बताया।

नगर निगम अध्यक्ष को बीच-बचाव करना पड़ा और सदन की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।

कांग्रेस पार्षद मनीष नामदेव ने कहा कि यह हमला बीजेपी की ओर से ओबीसी समाज के खिलाफ था। उन्होंने कहा, बीजेपी को ओबीसी का गंगाजल छिड़कना खटका। हम इस मुद्दे पर आंदोलन करेंगे और बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाएंगे।

बीजेपी पार्षद अंबुज रजक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्षदों ने वरिष्ठ बीजेपी पार्षद दीनानाथ वर्मा पर गंगाजल बताकर बाथरूम का गंदा पानी डाला। रजक ने कहा कि यह अपमानजनक था और इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के पार्षद कितने नीचे गिर गए हैं।

यह घटना दर्शाती है कि रीवा नगर निगम परिषद की बैठक में अप्रत्याशित हिंसा और हंगामा हुआ है। यह राजनीतिक असहमति और आपसी आरोप-प्रत्यारोप का परिणाम है। इससे नगर निगम की कार्यप्रणाली और राजनीतिक माहौल पर सवाल उठता है।

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