यूपी बना अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन, सीएम योगी ने पेश किया 8 साल का रिपोर्ट कार्ड
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 8 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रेरणादायक मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व में सेवा, सुरक्षा और सुशासन के 8 साल पूरे हो रहे हैं. उन्होंने जनता के व्यापक समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. सरकार के 8 साल पूरे होने पर 25, 26 और 27 मार्च को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर विकास उत्सव के रूप में मनाया जाएगा. इसमें विभिन्न क्षेत्रों के लाभार्थी, युवा, महिलाएं, और उद्यमी सम्मानित होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश की स्थिति सभी को ज्ञात थी. उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर किसी से छिपा नहीं था. यह वही प्रदेश है जहां किसान आत्महत्या करते थे, युवाओं के सामने पहचान का संकट था और दंगे व अराजकता का माहौल था. उन्होंने कहा कि प्रदेश वही है, तंत्र वही है, सिर्फ सरकार बदलने से व्यापक बदलाव हो रहा है.

सरकार के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप, जो उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य था, वह आज देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में जाना जा रहा है. आज प्रत्येक सेक्टर में राज्य देश के विकास में एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले कृषि के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश उपेक्षित था. उत्तर प्रदेश प्राचीन समय से ही कृषि प्रधान रहा है. 2017 से पहले किसान आत्महत्या करते थे और कृषि सेक्टर में वीरानी छाई हुई थी. आज व्यापक बदलाव हुए हैं और कृषि विकास दर 13.5% से अधिक हुई है, जिससे प्रदेश के जीडीपी में 28% की बढ़ोतरी हुई है. इसकी शुरुआत हमारी पहली कैबिनेट ने की थी और 36 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की गई थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान योजना सहित हर योजना में धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है. सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढ़ोतरी हुई है. वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को शुरू किया गया है. आज 8 वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा किसानों को मिली है. प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है और 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले चीनी उद्योग बंद होने के कगार पर था, आंदोलन होते थे, गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये बकाया था, चीनी मिलें बंद होती जा रही थी. हमने 3 नई चीनी मिलों की स्थापना की, 6 नई चीनी मिलों का फिर से संचालन किया, 38 मिलो का विस्तार किया. फिलहाल 122 चीनी मिलें काम कर रही हैं. 2017 से अब तक 2 लाख 80 हजार करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है. पिछली सरकारों के 22 वर्ष के कुल भुगतान से 60 हजार करोड़ से ज्यादा भुगतान हमने 8 वर्ष में किया है.

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