नागपुर हिंसा से पहले ही चेताया गया था, PM मोदी और CM योगी के नाम का हो रहा था दुरुपयोग!
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महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च 2025 को हिंसा भड़क गई। मुस्लिम भीड़ ने नारेबाजी करते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला किया, महिला स्टाफ के साथ अश्लीलता की कोशिश की, और हिंदुओं के घरों पर पत्थरबाजी और आगजनी की। इस घटना में नागपुर प्रशासन की इंटेलिजेंस भी विफल रही।

नागपुर में इस हिंसा से ठीक 6 महीने पहले, सुदर्शन न्यूज ने एक शो के माध्यम से शहर में बढ़ रही संदिग्ध इस्लामी मूवमेंट को उजागर किया था। नागपुर पुलिस से इस मामले पर निगरानी रखने की अपील की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया।

यह मामला 16 सितंबर 2024 को लाइव हुए मोदी नाम का दुरुपयोग करने वाले मौलाना का पर्दाफाश नामक शो से संबंधित है। इसमें बताया गया था कि कैसे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से एक संदिग्ध मौलाना का नेटवर्क नागपुर में बढ़ रहा है।

सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने सबूतों के साथ दिखाया था कि छांगुर नाम का एक पीर अपने साथी ईदुल इस्लाम के साथ मिलकर नागपुर के ऑरेंज सिटी इलाके में एक फर्जी ऑफिस चला रहा है।

सुदर्शन न्यूज के पास छांगुर पीर की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है, जिसमें वह देश भर में फैले अपने हजारों मुरीदों का जिक्र कर रहा है। वह यह भी दावा करता है कि वह अपने मुरीदों से जो चाहे करवा सकता है। क्या नागपुर हिंसा में इस पीर का कोई मुरीद शामिल था?

सुदर्शन न्यूज ने अपने शो में मौलाना छांगुर पीर और ईदुल इस्लाम द्वारा उपयोग किए जा रहे लेटर हेड और विजिटिंग कार्ड भी दिखाए थे, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपी थी। उनके द्वारा बनाए गए संगठन का नाम भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ है।

सुदर्शन न्यूज की संवाददाता स्नेहल ने जब उस स्थान की पड़ताल की, तो वहां कुछ भी नहीं मिला। स्थानीय लोगों ने भी भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ नाम पहले कभी नहीं सुना था।

जब स्नेहल ने पीएम मोदी के फोटो लगे लेटर हेड पर मौजूद मोबाइल नंबर पर कॉल किया, तो ईदुल इस्लाम नाम के व्यक्ति ने फोन उठाया, जो छांगुर के नेटवर्क का सदस्य माना जाता है। ईदुल इस्लाम ने सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

सवाल उठता है कि नागपुर में ऐसा कौन सा काम था जो छांगुर और ईदुल इस्लाम मिलकर छिपकर कर रहे थे?

सुरेश चव्हाणके ने अपने शो में छांगुर पीर गिरोह की एक ऑडियो सुनाई थी, जिसमें छांगुर का साथी ईदुल इस्लाम खुद को योगी आदित्यनाथ से जुड़ा हुआ बताकर किसी को धमका रहा था। इस ऑडियो के वायरल होने के बावजूद, बलरामपुर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नामों और तस्वीरों का दुरुपयोग करने के बावजूद, दोनों राज्यों में इस पीर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सुदर्शन न्यूज की पड़ताल में यह भी सामने आया कि छांगुर पीर गिरोह उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में जमीनी खरीद-फरोख्त में शामिल है। उस पर सरकारी जमीन कब्ज़ाने, लोगों पर फर्जी मुकदमे लादने, विदेशों से संदिग्ध लेनदेन करने, धर्मांतरण में शामिल होने और दलित उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप हैं।

पीर के एक मुरीद का दावा है कि बड़े-बड़े अधिकारी छांगुर के पैर छूते हैं। महाराष्ट्र में भी पीर की संपत्तियों में तेजी से इजाफा हुआ है। मुंबई के लोनावाला में करोड़ों रुपये के एक प्रोजेक्ट में न्याय विभाग के कुछ लोगों के परिजन भी शामिल पाए गए हैं। पीर की एक महंगी कार भी मुंबई में दर्ज है। दावा है कि नागपुर में भी पीर से जुड़े लोगों ने संपत्तियां बनाई हैं।

सुदर्शन न्यूज द्वारा शो दिखाने के बावजूद, नागपुर पुलिस द्वारा आंखें मूंद लेना प्रशासन में असमाजिक तत्वों की घुसपैठ की ओर इशारा करता है।

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