वाह! अंतरिक्ष में हीरे की अंगूठी , चांद पर दिखा सूर्य ग्रहण का अद्भुत नज़ारा!
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पृथ्वी पर करोड़ों लोगों ने एक पूर्ण चंद्र ग्रहण का नज़ारा देखा, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है। इसी दौरान, चंद्रमा पर मौजूद एक अंतरिक्ष यान ने भी इस ग्रहण को देखा, जो पृथ्वी से चंद्र ग्रहण और अंतरिक्ष से सूर्य ग्रहण जैसा दिखाई दिया।

टेक्सास स्थित फायरफ्लाई एयरोस्पेस ने इस अद्भुत घटना की तस्वीरें और टाइम-लैप्स वीडियो साझा किया। इसमें सूर्य धीरे-धीरे पृथ्वी की छाया में छिपता हुआ नज़र आ रहा है।

फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट लैंडर 2 मार्च को चंद्रमा के निकटवर्ती हिस्से पर सफलतापूर्वक उतरा था। 13-14 मार्च की रात इसने सूर्य ग्रहण की घटना को कैमरे में कैद किया, जिसमें पृथ्वी सूर्य को ढक रही थी।

पृथ्वी जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है तो चंद्र ग्रहण लगता है। इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। वहीं, सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य ग्रहण लगता है क्योंकि इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आ पाता।

अंतरिक्ष में स्थिति दूसरी होती है। चांद पर खड़े होकर देखने पर सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, जिससे सूर्य का प्रकाश बाधित हो जाता है और सूर्य ग्रहण जैसा नज़ारा दिखाई देता है।

तस्वीरों में दिख रहा है कि सूर्य धीरे-धीरे पृथ्वी की छाया में छिप रहा है और अंत में एक चमकदार रिंग दिखाई देती है। यह सूर्य का वायुमंडल यानी कि कोरोना है।

13-14 मार्च का चंद्र ग्रहण लगभग छह घंटे तक चला, जिसमें पूर्ण ग्रहण का समय लगभग 1 घंटा था। ब्लू घोस्ट लैंडर ने इस पूरी घटना को अपने कैमरे में कैद किया। जैसे-जैसे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है, अंतरिक्ष यान का रंग लाल होता जाता है।

पिछले साल अमेरिका में सूर्य ग्रहण लगा था, तब चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह ढक लिया था। इस दौरान भी धरती पर लोगों को सूर्य का कोरोना दिखा था।

ग्रहण की पूर्णता जैसे ही खत्म हुई, सूर्य की रोशनी पृथ्वी के किनारों से झांकने लगी। इससे अंतरिक्ष में एक डायमंड रिंग प्रभाव देखने को मिला। पूर्णता का यह शानदार नजारा, पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के सटीक आकार और कक्षीय दूरी का नतीजा है।

चंद्रमा से ग्रहण देखना बेहद दुर्लभ है। लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब चंद्रमा से पूर्ण ग्रहण देखा गया है। नासा के सर्वेयर 3 चंद्र अंतरिक्ष यान ने 1967 में एक ऐसा ही ग्रहण रिकॉर्ड किया था।

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