हिंदी से इतनी नफरत क्यों? DMK नेता के बेटे ने ही बनाया रुपये का सिंबल, फिर भी CM स्टालिन को क्यों है चिढ़?
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तमिलनाडु सरकार ने अपने 2025-26 के बजट से रुपये (₹) का सिंबल हटा दिया है, जिसे एक तमिलियन ने ही डिजाइन किया था। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस सिंबल की जगह क्या लिखा, यह एक बड़ा सवाल है।

उदय कुमार धर्मलिंगम ने रुपये के प्रतीक ₹ का डिजाइन देवनागरी के र और रोमन अक्षर R को मिलाकर बनाया था। यह भारतीय तिरंगे से प्रेरित है और इसे अन्य मुद्राओं से अलग दिखाने के लिए बनाया गया था। उनके पिता DMK के विधायक रह चुके हैं।

इस डिजाइन को 15 जुलाई 2010 को भारत सरकार द्वारा जनता के सामने प्रस्तुत किया गया था। वित्त मंत्रालय ने एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 3,331 आवेदन आए थे। उदयकुमार का डिज़ाइन पांच फाइनलिस्ट डिज़ाइनों में से विजेता रहा।

तमिलनाडु में तीन भाषा नीति का विरोध नया नहीं है। 1968 में जब यह फॉर्म्युला लागू हुआ, तब भी हिंदी थोपने की बात कहते हुए तमिलनाडु ने इसे लागू नहीं किया। राज्य में अभी दो भाषा नीति ही लागू है, जिसमें स्टूडेंट्स को तमिल और इंग्लिश पढ़ाई जाती है।

जब केंद्र सरकार की नई एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट सामने आया था, तब भी हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए सबसे ज्यादा विरोध तमिलनाडु में हुआ था।

DMK सहित दूसरी पार्टियां हिंदी विरोध और द्रविड़ अस्मिता के नाम पर अक्सर मैदान में उतर जाती हैं। BJP जब भी तमिलनाडु और दूसरे दक्षिणी राज्यों में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करती है, उसे हिंदी के नाम पर घेरा जाता रहा है।

ताजा मामला नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर है। तमिलनाडु सरकार ने जब नई शिक्षा नीति के प्रमुख पहलुओं, खासतौर पर तीन भाषा फॉर्मूले को लागू करने से इनकार कर दिया, तो केंद्र सरकार ने राज्य को समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि की 573 करोड़ रुपये की पहली किस्त पर रोक लगा दी।

एनईपी 2020 में प्रस्तावित तीन भाषा फॉर्मूला कहता है कि छात्रों को तीन भाषाएं सीखनी चाहिए, जिनमें से कम से कम दो भारतीय मूल भाषा होनी चाहिए।

स्टालिन ने दूसरे राज्यों के लोगों से अपील करते हुए कहा था कि हिंदी भाषा ने न जाने कितनी दूसरी भाषाओं को लील लिया है। उन्होंने कई भाषाओं के नाम गिनाए जो अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं।

ट्राय-लैंग्वेज पॉलिसी पर तनाव बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि तमिलनाडु अपनी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए एक और भाषा आंदोलन के लिए तैयार है।

नई शिक्षा नीति के अनुसार प्राथमिक स्तर की शिक्षा मातृभाषा या स्थानीय भाषा में होनी चाहिए। कक्षा 6-10 में छात्रों को तीन भाषाओं का अध्ययन करना आवश्यक होगा।

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