रूस की सेना ने वैगनर ग्रुप द्वारा अपनाई गई कैमल रणनीति को अपनाया है। इस रणनीति में आत्मघाती वाहक भारी हथियारबंद बॉडी आर्मर पहनते हैं और गोला-बारूद जैसी महत्वपूर्ण सामग्री को दुश्मन के क्षेत्र में गहराई तक पहुंचाते हैं।
हाल ही में यूक्रेनी सेना ने टोरेत्स्क में एक कैमल कामिकेज़ का पता लगाया और उसे बेअसर कर दिया। इस घटना से पता चलता है कि ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों ने इस तरह की रणनीतियों को अप्रभावी बना दिया है।
ड्रोन दुश्मन की गतिविधियों पर लगातार नजर रखते हैं और कैमल जैसी रणनीतियों को निष्क्रिय कर देते हैं। यूक्रेनी सेना का मानना है कि ड्रोन की मौजूदगी और उनकी उच्च परिशुद्धता ने ऐसी रणनीतियों को अप्रचलित और अप्रभावी बना दिया है।
Disposable #Russian soldiers delivering ordinance to the front lines called camels.
— Ostap Bender (@Brestav) January 18, 2025
The use of the camels was noticed in the Toretsk direction. Previously, this strategy was actively used by mercenaries of the PMC Wagner.
The main goal of the camel is to run as close as… pic.twitter.com/64vU0dhO13
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