बीजेपी के हार के कारण
बीजेपी लगातार तीन दशक से दिल्ली में सत्ता से दूर है। इस दौरान पार्टी ने कई चेहरों को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर देखा है, लेकिन चुनावी सफलता दूर ही रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी के पास दिल्ली में मजबूत स्थानीय नेतृत्व का अभाव है।
आप की लोकप्रिय नीतियां
आम आदमी पार्टी की सरकार की मुफ्त बिजली, पानी और बस सेवा जैसी नीतियां जनता के बीच लोकप्रिय हैं। लोगों का मानना है कि आप सरकार अपने वादे पूरे करती है, इसलिए वे बीजेपी को वोट नहीं देते।
केंद्र और दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व का अंतर
विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता दिल्ली में बीजेपी के पास नहीं है। पार्टी जनता के भरोसे का उम्मीदवार प्रस्तुत करने में विफल रही है जो अरविंद केजरीवाल को चुनौती दे सके।
वोटों का विभाजन
बीजेपी की जीत के लिए वोटों का विभाजन महत्वपूर्ण है। 1993 में मिली 49 सीटों की बड़ी जीत के बाद भी बीजेपी को पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े। इस प्रयोग के कारण तब से अब तक बीजेपी को दिल्ली में सत्ता नहीं मिल पाई है।
लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदाताओं का भिन्न व्यवहार
दिल्ली के मतदाताओं ने लोकसभा में बीजेपी को वोट देने और विधानसभा में आम आदमी पार्टी को वोट देने का स्पष्ट रुझान दिखाया है। दोनों चुनावों में वोटों के बंटवारे में बड़ा अंतर है।
VIDEO | Delhi: PM Narendra Modi (@narendramodi), while addressing a Public Meeting in Rohini, says, “Delhi demands development and freedom from ‘aapda’. BJP is a party to fulfil dreams. BJP is dedicated to work for development. Therefore, the country is showing its trust in BJP.… pic.twitter.com/tu70oA14II
— Press Trust of India (@PTI_News) January 5, 2025
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