400 साल पुरानी परंपरा: बकरे पर बैठकर निकाली जाती है बारात
लोहिया समाज में 400 सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार, बड़े बेटे का कर्ण छेदन संस्कार धूमधाम से मनाया जाता है। इस संस्कार के दौरान बड़े बेटे को दूल्हे की तरह तैयार किया जाता है और उसे बकरे पर बैठाकर बारात निकाली जाती है।
टीकमगढ़ में निकली अनोखी बारात
टीकमगढ़ के राघव अग्रवाल के कर्ण छेदन संस्कार के मौके पर उनकी बारात बकरे पर निकाली गई। इस जश्न में परिवार और रिश्तेदारों ने मिलकर ढोल-नगाड़ों पर नाचते हुए और आतिशबाजी करते हुए इस परंपरा का पूरा आनंद लिया।
परिवार और रिश्तेदारों ने किया जश्न
इस अनोखी शादी में परिवार के सदस्य, मोहल्ले के लोग और समाज के अन्य सदस्य भी शामिल हुए। बकरे पर सवार होकर निकाली गई बारात में नृत्य और पटाखों की आवाजें गूंज रही थीं।
पीढ़ी दर पीढ़ी निभाई जा रही परंपरा
प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि यह परंपरा उनके दादा-परदादा के समय से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा को न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि लोहिया समाज के अन्य परिवार भी पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाते हैं।
*टीकमगढ़ में निकली अनोखी बारात
— Naresh kumar Mishra (@Naresh_IBC24) January 3, 2025
बकरे पर बैठकर निकला 12 साल का दूल्हा
लोहिया समाज में कर्ण छेदन संस्कार में निभाई जाती है अनोखी रस्म pic.twitter.com/vXd2dZYCXD
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