कर्नाटक मस्जिद मामला: जय श्रीराम के नारे का अपराधीकरण कैसे? सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
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क्या जय श्रीराम का नारा अपराध है?

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से सवाल पूछा है कि मस्जिद में जय श्रीराम के नारे लगाना अपराध कैसे हो सकता है। दरअसल, कर्नाटक हाई कोर्ट के 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें मस्जिद में घुसकर नारे लगाने के आरोपी दो व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी गई थी।

पुलिस ने कैसे पहचाने आरोपी?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पूछा है कि जिन लोगों ने मस्जिद में नारे लगाए, उनकी पहचान पुलिस ने कैसे की। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपों में अपराध का कोई तत्व नहीं है, लेकिन पुलिस का कहना है कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज है। क्या उन लोगों की पहचान की गई है जिन्होंने मस्जिद में प्रवेश किया था?

हाई कोर्ट ने एफआईआर रद्द क्यों की?

हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों ने कोई अपराध नहीं किया है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई करना न्याय के साथ अन्याय होगा। कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों ने मस्जिद में तोड़फोड़ नहीं की और न ही किसी को धमकी दी।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका

हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि हाई कोर्ट का आदेश रद्द किया जाए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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