बिहार से मुंबई तक, कबाड़ से करोड़ों तक: अनिल अग्रवाल की कामयाबी की कहानी
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संघर्ष की शुरुआत: बिहार से मुंबई तक का सफर

अनिल अग्रवाल का जन्म पटना में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। 19 साल की उम्र में, वह अपने बिजनेस के सपने को पूरा करने के लिए मुंबई चले गए। उनके पास सिर्फ एक टिफिन बॉक्स और बहुत कम पैसे थे।

9 बार असफलता का सामना

मुंबई में, अग्रवाल ने कई व्यवसायों की कोशिश की, लेकिन वे सभी विफल हो गए। उन्होंने 9 अलग-अलग व्यवसाय शुरू किए, लेकिन हर बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा। इससे उन्हें कई सालों तक मानसिक तनाव और अवसाद हुआ।

सफलता की ओर पहला कदम: स्टरलाइट इंडस्ट्रीज

अग्रवाल की मेहनत का फल 1986 में मिला जब सरकार ने निजी क्षेत्र को टेलीफोन केबल बनाने की अनुमति दी। उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को खरीदा और 1990 में तांबे की रिफाइनिंग शुरू की।

वेदांता का वैश्विक प्रभाव

आज, वेदांता रिसोर्सेज एक वैश्विक प्राकृतिक संसाधन कंपनी है जो दुनिया भर में खनिज, तेल और गैस का निष्कर्षण और प्रसंस्करण करती है। यह अनिल अग्रवाल के संघर्ष और दृढ़ संकल्प का नतीजा है।

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