बसपा जनहित को प्राथमिकता देती है:
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक राष्ट्र-एक चुनाव पहल को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि बसपा इस अवधारणा का समर्थन करती है और राजनीतिक एजेंडे पर जनहित को प्राथमिकता देती है।
संविधान को कमजोर करने का आरोप:
मीडिया से बातचीत में मायावती ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने संसद में भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चल रही चर्चा पर टिप्पणी की।
जनहित से जुड़े संविधान संशोधनों को समर्थन:
मायावती ने कहा कि बसपा जनहित से जुड़े संविधान संशोधनों का समर्थन करेगी। उन्होंने एक राष्ट्र-एक चुनाव को अपनाने की अपनी पार्टी की इच्छा दोहराई। उनके अनुसार, भारत की संवैधानिक सुंदरता और लोकतंत्र राष्ट्रीय प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कांग्रेस पर अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित न करने का आरोप:
मायावती ने कांग्रेस पर अपने कार्यकाल के दौरान डॉ. बीआर अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने संविधान की उपेक्षा को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के खेल की आलोचना की।
संविधान के प्रति समर्पण की कमी:
मायावती ने तर्क दिया कि अगर पिछली सत्तारूढ़ पार्टियों ने संविधान को बनाए रखने के लिए समर्पण दिखाया होता, तो भारत की वर्तमान स्थिति बेहतर होती। उन्होंने कहा कि सच्ची देशभक्ति में संवैधानिक अखंडता को बनाए रखना शामिल है।
लोकतांत्रिक ढांचे को बनाए रखने का आग्रह:
बसपा प्रमुख ने जोर देकर कहा कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा विकसित राष्ट्र बनने के लिए आवश्यक है। उन्होंने राजनीतिक दलों से वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया और सतही प्रतिक्रियाओं से ध्यान भटकाने से बचने के लिए कहा।
#WATCH | Lucknow: BSP chief Mayawati says, Discussions are taking place in the Parliament on the 75 years of proud journey of the Constitution of India. The importance and utility of this discussion is possible only when it is accepted with an open mind whether the ruling side… pic.twitter.com/TrAJATHZ71
— ANI (@ANI) December 15, 2024
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