ईशा सिंह और अविनाश मिश्रा हुए एक्सपोज़
बिग बॉस 18 में ईशा सिंह और अविनाश मिश्रा अपनी चालाकी से विवियन डीसेना को धोखा दे रहे हैं। दोनों ने कई बार विवियन के साथ विश्वासघात किया है, लेकिन दर्शकों से यह सब छिपा नहीं है। हाल ही में दो बार अविनाश और ईशा ने विवियन को न केवल धोखा दिया, बल्कि उनके साथ गेम भी खेला और उनकी अच्छाई का फ़ायदा भी उठाया।
Aly Goni ने दुनिया को दिखाई अविनाश और ईशा की सच्चाई
अली गोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें ईशा और अविनाश की चालाकी का सबूत है। इस वीडियो में, ईशा और अविनाश इम्यूनिटी टास्क के दौरान बात करते हुए दिख रहे हैं। अविनाश ईशा से कहता है, तुम जानती हो किसको बचाना है, मैं जानता हूं किसको बचाना है। अब जिसको नहीं बचाना चाहते हो और जानते हो वो बंदा लेकर भाग सकते हैं, उसको रोको।
इसके बाद, ईशा विवियन की तस्वीर उठाती है, लेकिन उसे देर से देती है। इससे पता चलता है कि दोनों जानते थे कि विवियन आउट हो जाएगा और वे उन्हें बाहर निकालना चाहते थे।
विवादित मस्जिद पर किसका हक?
उत्तर प्रदेश कॉलेज (UP कॉलेज) में मस्जिद पर विवाद बढ़ गया है। यूपी कॉलेज और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड दोनों ही इस पर अपना दावा कर रहे हैं। कॉलेज का कहना है कि मस्जिद कॉलेज की प्रॉपर्टी है, जबकि वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह वक्फ संपत्ति है।
मस्जिद का जिक्र नहीं रिकॉर्ड्स में
वाराणसी के डीएम एस. राजालिंगम के अनुसार, मस्जिद की जमीन यूपी कॉलेज की प्रॉपर्टी है। यह प्राइवेट प्रॉपर्टी के रूप में दिखाई गई है। हालांकि, इस जमीन पर मस्जिद होने का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। ऐसे में, यह सवाल उठता है कि मस्जिद का निर्माण कब और किसने करवाया था?
19वीं सदी में बनाई गई थी मस्जिद
इतिहासकारों के अनुसार, टोंक के नवाब ने 19वीं सदी के दौरान इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। मस्जिद की देखभाल करने वाले मोहम्मद नजीर का कहना है कि राजस्थान के नवाब मोहम्मद अली खान को 1867 में अंग्रेजों ने वाराणसी में कैद किया था। उन्हें छोड़ने की शर्त यह थी कि वे टोंक वापस नहीं जाएंगे। इसलिए, नवाब वाराणसी में बस गए और यूपी कॉलेज में मस्जिद का निर्माण करवाया।
दिन में 5 बार होती है नमाज़
मस्जिद में दिन में 5 बार नमाज़ अदा की जाती है। आसपास के लोग भी मस्जिद में नमाज़ पढ़ने आते हैं। हर दिन 25-30 लोग नमाज़ पढ़ते हैं, जबकि शुक्रवार को यह संख्या 200 तक पहुंच जाती है।
विवाद पर हुआ था विरोध
यूपी कॉलेज के प्रिंसिपल धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि मस्जिद वास्तव में एक मजार है। छात्रों के विरोध के बावजूद इसका दायरा बढ़ता चला गया। पहले भी कई लोगों ने मस्जिद का विरोध किया है। हालांकि, बाहरी लोगों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।
2018 में शुरू हुआ विवाद
2018 में, यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद समेत यूपी कॉलेज पर अपना दावा ठोका था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद वक्फ बोर्ड ने अपना दावा वापस ले लिया। इसके बाद से कॉलेज में मौजूद मस्जिद भी विवाद का विषय बन गई है।
*How ridiculous the misuse of WAQF power can be :
— Rishi Bagree (@rishibagree) November 28, 2024
Udai Pratap Autonomous College, often known as UP College in Varanasi, is 115 years old and has around 20,000 students studying on its 100-acre campus.
The Lucknow Waqf Board has claimed the entire campus as Waqf property. pic.twitter.com/yrQgJ6oPsA
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