अपने जीवन में हमने बहुत से गायकों को सुना होगा, उनमें से कई सुपर डुपर हिट रहे , तो कईयों के हम लोग फैन रहे, मगर उनमें से कुछ गायक ऐसे भी हैं जिनके हिट होने का कोई सीमित समय नहीं था, वे कल भी सुपर हिट थे और आज भी लोगों के जेहन में गूंजते रहते हैं | सचमुच वे सालों के नहीं युगों के गायक हैं, जिनकी आवाज आज भी गूंजा करती है, और आने वाली सदियों तक लोगों को अपना दीवाना बनाती रहेगी | आइये मिलते हैं ऐसे दस सर्वश्रेष्ठ गायकों से:
इन्होने ग़ज़ल गायकी से शुरुआत की थी और धीरे धीरे इनकी हद सौम्य आवाज़ हर दिल में घर कर गयी , " चिट्ठी आई है " गाकर इन्होने अपनी आवाज़ को युगों युगों के लिए जग में विद्यमान कर दिया |
यूं तो राहत पाकिस्तान के रहने वाले हैं मगर इनकी आवाज़ ने असली पहचान भारत में पायी जहां, इन्होने अपनी बुलंदी के सितारे छुए, अपनी खनकती आवाज़ और पंडित नुसरत की शागिर्दगी ने इन्हें सर्वकालिक गायकों की श्रेणी में खड़ा कर दिया | तेरे मस्त मस्त दो नैन....
आशा दी से कौन परिचित नहीं हैं, लता दीदी की छोटी बहन आशा जी हमेशा से ही पार्श्वगायकी की सिरमौर रहीं हैं, उनकी बेमिसाल आवाज़ और अतुलनीय गायकी उन्हें सबसे अलग बनाती है| वे सदा सदा की गायिका हैं | दो लफ़्ज़ों की है दिल की कहानी....
जगजीत सिंह वे नाम हैं जिनसे ग़ज़ल गायकी की पहचान है, सौम्य स्वर में ग़ज़ल गाने वाले जगजीत ने अपने स्वरों से जग भर के दिल जीते हैं, उनके गायन की विविधता उन्हें सर्वकालिक महान गायक बनाती है | भले ही जगजीत सिंह हमारे साथ न हों, लेकिन उनकी ग़ज़लें आने वाली सदी तक नही मिटेंगीं | वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी.....
पाकिस्तान की गायिका रेशमा के चेहरे से आप में से बहुत आम परिचित होंगे मगर इनका स्वर आप सब के दिलों में बस्ता है | वह स्वर तो आपको याद ही होगा " बिछड़े भी तो हम...बस कल परसों...जियुंगी मैं कैसे इस हाल में बरसो" | जी हाँ "लम्बी जुदाई" इस विश्व प्रसिद्द गीत को गाने वाली रेशमा ही हैं|
जिन्हें दुनिया रफ़ी या रफ़ी साहब के नाम से बुलाती है, हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। अपनी आवाज की मधुरता और परास की अधिकता के लिए इन्होंने अपने समकालीन गायकों के बीच अलग पहचान बनाई। इन्हें शहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था। लिखे जो खत तुझे...
किशोर दा अपने आप में एक कला का संसार हैं, वे एक सम्पूर्ण कलाकार थे, और गायन में तो उनका कोई तोड़ ही नहीं वे चाहे उल्लास के गीत गायें या गम के नग़मे ; किशोर दा गीतों को रूह से छू कर गाते थे, जिनकी कशिश श्रोता आज भी महसूस करते हैं| मेरा जीवन कोर कागज़ जैसे गीतों से उन्होंने गायकी के एक सहज रूप को उन्नति प्रदान की
मुकेश साहब के तो कहने ही क्या , वे जब सुर लगाते थे तो बस सदियाँ ठहर जाया करती थीं, उनके गीतों में एक टूटे दिल की खनक होती थी , जो मुहब्बत की पुरकशिश महसूस कराती थी | "कहीं...दूर...जब दिन ढल जाए " गाने वाले मुकेश साहब अपने सुरों में शिद्दत से रमे हुए थे | वे आज या कल के नहीं सदियों सदियों के स्वर हैं |
लता दीदी हम सबकी पूजनीय हैं; उन्हें स्वर साम्राज्ञी भी इसी लिए कहा जाता है क्यों कि ना तो इस काल में और ना आने वाले कई युगों में उनके जैसी आवाज़ फिर कबि हो सकती है, वे दुनिया भर के संगीत प्रेमियों में विद्यमान हैं | "ऐ मेरे वतन के लोगो" गाने के बाद वे राष्ट्रस्वर बन चुकी हैं | कोटि कोटि नमन भारत की स्वर कोकिला को |
नुसरत साहब वैसे तो पाकिस्तान के सूफी गायक हैं , मगर पाकिस्तान से ज्यादा इन्हें भारत में सुनने वाले हैं | भारत के संगीत प्रेमी इन्हें पंडित नुसरत भी कहते हैं | नसरत साहब अपने आप में एक सर्वोच्च गायक थे , सूफी की सच्ची पहचान इन्ही से है | इनके स्वर दिलों को नहीं सीधे ईश्वर को छूते थे , जैसे गा न रहे हों आराधना कर रहे हों | धर्म मज़हब से उठकर परमशक्ति को अपने गायन से अनुभव करा देने वाले नुसरत अद्भुत थे | पलभर मे कैसे बदलते हैं रिश्ते, अब तो हर अपना बेगाना लगता है....
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