कांग्रेस ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की नीयत और विश्वसनीयता पर हमला बोलते हुए एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण पर गंभीर सवाल उठाए। पार्टी का कहना है कि विपक्ष और आम जनता एसआईआर प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि कई सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं और कथित वोट चोरी के मामलों की जांच ठीक से नहीं हुई है।
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की है, लेकिन बिहार में हुए एसआईआर से जुड़े सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर को दुरुस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को आगे आना पड़ा, जिससे निर्वाचन आयोग और भाजपा की नीयत पूरे देश के सामने आ गई है।
खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी कई सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या एसआईआर के जरिए बिहार को लोकतंत्र की हत्या करने की प्रयोगशाला बनाया गया? क्या 12 राज्यों में जो एसआईआर की घोषणा हुई है, उसके दिशा-निर्देश 2003 के एसआईआर से अलग होंगे? क्या एसआईआर का यह दौर भी सिर्फ वोट काटने के लिए है, क्योंकि बिहार में चुनाव आयोग ने डोर-टू-डोर करके नए वोटर जोड़ने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए, जबकि 65 लाख वोट काट दिए गए?
कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि जब भी एसआईआर होता है, निर्वाचन आयोग के कर्मचारी हर घर जाते हैं, नए वोटरों को जोड़ते हैं और जिन्हें हटाना होता है, उन्हें हटाते हैं। उन्होंने राहुल गांधी द्वारा आलंद विधानसभा क्षेत्र (कर्नाटक) में वोट चोरी का खुलासा किए जाने का भी जिक्र किया, जिसके बाद एसआईटी ने बताया कि मतदाता सूची से नाम काटने का एक केंद्रीकृत अभियान चलाया जा रहा था।
खेड़ा ने कहा कि इन सभी मामलों के बीच, ऐसे आयोग द्वारा एसआईआर करवाना संदेह के घेरे में है, जिसकी नीयत, मंशा और विश्वसनीयता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विपक्ष और वोटर, दोनों ही इस प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं।
गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की थी कि बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर की कवायद शुरू होगी। दूसरे चरण में छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में एसआईआर कराया जाएगा।
▪️SIR के ज़रिए क्या बिहार को लोकतंत्र की हत्या करने की प्रयोगशाला बनाया गया?
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) October 27, 2025
▪️12 राज्यों में जो SIR की घोषणा हुई है, क्या उसके दिशा निर्देश 2003 के SIR से अलग होंगे?
▪️क्या SIR का यह राउंड भी सिर्फ वोट काटने के लिए है, क्यूंकि बिहार में चुनाव आयोग ने डोर टू डोर करके नए वोटर… pic.twitter.com/QLBLlE9IPG
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