जेएनयू में छात्र संगठनों में हिंसक झड़प, चार घायल
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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव को लेकर माहौल गरमा गया है। छात्र संघ चुनाव की आम सभा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठनों के बीच ज़ोरदार हाथापाई हुई। इस झड़प में चार छात्र-छात्राओं के घायल होने की खबर है।

यह बैठक चुनाव समिति के गठन के लिए आयोजित की गई थी। पिछले छात्र संघ चुनाव में भी जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, नवंबर में होने वाले छात्र संघ चुनाव से पहले ही स्कूल ऑफ सोशल साइंस में आयोजित जीबीएम में शाम को दो छात्र संगठनों के समर्थकों के बीच ज़ोरदार हाथापाई हुई। बहस और तर्क-वितर्क जल्द ही लात-घूँसों में बदल गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है। एबीवीपी की तरफ से एक छात्रा और आइसा की तरफ से तीन छात्रों के घायल होने की सूचना है।

एबीवीपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जीबीएम की बैठक के बीच वामपंथी गुट से जुड़े एक काउंसलर ने भेदभावपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्र और एबीवीपी से जुड़े लोग जेएनयू में आने के योग्य नहीं हैं। उन्हें ऑडिटोरियम और कैंपस से बाहर निकाल देना चाहिए।

इस बयान के बाद जीबीएम का माहौल तनावपूर्ण हो गया। एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध किया, लेकिन वामपंथी छात्रों ने उन पर हमला कर दिया, जिससे कई छात्र घायल हो गए, जिनमें महिला छात्राएं भी शामिल हैं। एबीवीपी ने वामपंथी गुटों द्वारा महिला छात्राओं पर हमले की निंदा की है।

एबीवीपी-जेएनयू ने इस घटनाक्रम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह जेएनयू की लोकतांत्रिक और बौद्धिक परंपराओं पर सीधा हमला है। जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कहा कि यह घटना जेएनयू की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है। उन्होंने कहा कि विचारों में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन असहमति के जवाब में हिंसा और क्षेत्रीय घृणा फैलाना लोकतंत्र के खिलाफ है।

जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार या किसी भी राज्य से आने वाले छात्र समान गरिमा रखते हैं। किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह क्षेत्र, विचारधारा या संगठन के आधार पर किसी का अपमान करे या हमला करे। छात्रा पर हमला करना जेएनयू जैसी प्रतिष्ठित संस्था की मर्यादा के प्रतिकूल है।

उधर, आइसा के नेता चंदन का कहना है कि शांतिपूर्ण चल रही जीबीएम में एबीवीपी ने बाधा डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि जीबीएम में जब काउंसलर रजत मंडल अपनी रिपोर्ट पेश कर रहे थे, तो एबीवीपी के लोगों ने इस पर आपत्ति की और कहा कि यह तो जेएनयू का छात्र ही नहीं है। उसके बाद उन्होंने शोध छात्र मणिकांत पटेल, केवल्य शिंदे, अजीत मीणा के साथ मारपीट की। आइसा के दो घायलों को अधिक चोट आई है जिसके कारण उन्हें सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। आइसा ने कहा है कि वे पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराएंगे।

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