पहली बार 30 से अधिक देशों के आर्मी चीफ भारत में, क्या है मिशन शांति ?
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दुनिया भर से 30 से ज्यादा देशों के आर्मी चीफ और सीनियर सेना अधिकारी इन दिनों नई दिल्ली में हैं. वजह है संयुक्त राष्ट्र ट्रूप कंट्रीब्यूटिंग कंट्रीज (UNTCC) चीफ्स कॉन्क्लेव 2025.

यह तीन दिवसीय मीटिंग 14 से 16 अक्टूबर तक चलेगी. इसमें वैश्विक शांति मिशनों को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा. भारत, जो यूएन पीसकीपिंग में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है.

मीटिंग पर मीटिंग हो रही है. प्लेनरी सेशन्स, बाइलेटरल टॉक्स, डिफेंस एग्जिबिशन और कल्चरल एक्सचेंज भी शामिल हैं. लेकिन इसका टारगेट क्या है?

आज की दुनिया में सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं. आतंकवाद, साइबर अटैक, क्षेत्रीय अस्थिरता और मानवीय संकट आम हैं. ऐसे में यूएन पीसकीपिंग मिशन को और मजबूत करने की जरूरत है.

इस कॉन्क्लेव में 15 आर्मी चीफ्स और 17 वाइस चीफ्स समेत 32 देशों के प्रतिनिधि आए हैं. इनमें भूटान, बुरुंडी, इथियोपिया, फिजी, फ्रांस, घाना, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, मंगोलिया, पोलैंड, श्रीलंका, तंजानिया, युगांडा, उरुग्वे और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह फोरम ऑपरेशनल चैलेंजेस, इवॉल्विंग थ्रेट्स, इंटरऑपरेबिलिटी, डिसीजन-मेकिंग में इंक्लूसिविटी और टेक्नोलॉजी-ट्रेनिंग की भूमिका पर चर्चा करेगा.

इस कॉन्क्लेव के जरिए भारत अन्य देशों के साथ सेना के स्तर पर बेहतर रिश्ते बना रहा है. थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संयुक्त राष्ट्र त्रिकोणीय सहयोग सम्मेलन (यूएनटीसीसी) 2025 के दौरान कज़ाकिस्तान के थल सेना प्रमुख मेजर जनरल मेरेके कुचेकबायेव से मुलाकात की. दोनों देशों ने मजबूत रक्षा साझेदारी की बात कही है.

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कज़ाकिस्तान के थल सेना प्रमुख से मुलाकात पर सोशल मीडिया पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच स्थायी रक्षा साझेदारी की पुष्टि हुई. इसमें प्रशिक्षण सहयोग, क्षमता निर्माण और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए लगातार सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया.

सेना प्रमुखों के बीच यह बातचीत तब हुई जब भारत संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदान देने वाले देशों (UNTCC) के प्रमुखों के सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. यहां दुनिया भर के सैन्य नेता उभरते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर विचार साझा कर रहे हैं. वे विश्व शांति के मिशन को आगे बढ़ाने में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.

सम्मेलन के दौरान शांति अभियानों के अवर महासचिव जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समय के साथ नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.

लैक्रोइक्स ने कहा, भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए, हमें आज ही तैयार रहना होगा. आगे आने वाली चुनौतियाँ वास्तविक हैं. उन्होंने कहा कि यदि हम उद्देश्य में एकजुट रहें, कार्यों में व्यावहारिक रहें और शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग रहें, तो उनका सामना किया जा सकता है. हमें सामूहिक रूप से संकटों की विविधता के आधार पर अपेक्षाओं और अनुरोधों के अनुकूल ढलने में सक्षम होना होगा.

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