इजरायल ने गाजा में एक नया सैन्य ऑपरेशन शुरू किया है, जिसका नाम ऑपरेशन गिडियोन है। यह नाम यहूदी मान्यताओं से जुड़ा हुआ है, जिसमें गिडियोन एक योद्धा था जिसने इजरायली भूमि को शत्रुओं से मुक्त कराया था। मिथकों के अनुसार, गिडियोन ने केवल 300 सैनिकों के साथ दुश्मन के 15,000 सैनिकों को हराया था, जिसके बाद इजरायल में 40 वर्षों तक शांति रही।
ऑपरेशन गिडियोन का मकसद शायद नेतन्याहू और उनकी सेना द्वारा इसी यहूदी मिथक को वास्तविकता में बदलना है, यानी एक साथ सभी शत्रुओं से निपटना। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल अपने दुश्मनों को किसी भी देश की धरती पर नहीं छोड़ेगा।
इस इरादे की झलक गाजा से 65 मील दूर दक्षिणी लेबनान में भी दिखाई दी। गाजा में इजरायली फौज हमास को निशाना बना रही थी, उसी समय इजरायली सेना की उत्तरी कमान लेबनान में सैन्य अभियान चला रही थी। दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमले में हिज्बुल्लाह के 5 आतंकी मारे गए, जिनमें एक वरिष्ठ कमांडर शामिल था। इजरायली सेना का दावा है कि मारे गए हिज्बुल्लाह आतंकी हथियारों का डिपो बनाने की फिराक में थे।
हमास और हिज्बुल्ला पर एक साथ हमले करके इजरायल ने संकेत दिया है कि वह किसी भी मुस्लिम नाटो के खतरे से नहीं डरता।
इजरायल के इस सैन्य अभियान के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसमें गाजा जल रहा है जैसे नारे लगाए जा रहे हैं। यह नैरेटिव उन मीडिया आउटलेट्स द्वारा फैलाया जा रहा है जिन्हें इस्लामिक देशों से समर्थन मिलता है।
मुस्लिम देशों की हालिया मीटिंग में इजरायल के साथ आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों पर पुनर्विचार करने और इजरायल के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जाने की बात कही गई, लेकिन सैन्य गठबंधन बनाने जैसे दावे खोखले साबित हुए। अरब देशों को पता है कि वे इजरायल से सीधी सैन्य टक्कर नहीं ले सकते।
पिछले महीने लेबनान में हिज्बुल्लाह को लेकर इजरायली वॉर कैबिनेट की एक बैठक हुई थी, जिसमें हिज्बुल्लाह के साथ स्थायी सीजफायर का प्रस्ताव रखा गया था। प्रस्ताव में दो शर्तें थीं: लेबनान अपने हथियार किसी तीसरे देश को सौंप दे और दक्षिणी लेबनान में लेबनानी सेना का नियंत्रण रहे। ऐसा ही प्रस्ताव इजरायल ने हमास को भी दिया था, जिसे हमास ने स्वीकार नहीं किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायली बंधकों को कुछ हुआ तो यह हमास और गाजा के लिए अच्छा नहीं होगा। हमास के आतंक और इजरायल की जिद के बीच गाजा और उसके निवासी लगातार पिस रहे हैं।
गाजा में इतनी बर्बादी हो चुकी है कि अंतरिक्ष से भी गाजा धरती के बाकी हिस्सों से अलग नजर आता है। गाजा को दोबारा बनाने में तकरीबन 10 साल का वक्त लगेगा और इसकी लागत तकरीबन 53.2 बिलियन डॉलर पड़ेगी। यह राशि दुनिया के 80 फीसदी देशों की जीडीपी से ज्यादा है।
कई देशों ने गाजा के हाल के लिए नेतन्याहू और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन हमास को जिम्मेदार ठहराने से बचते हैं। यही चालबाजी गाजा के दर्द को बढ़ा रही है।
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— Zee News (@ZeeNews) September 16, 2025
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