केपी शर्मा ओली के इस्तीफे और नेपाल में जारी प्रदर्शनों के बीच, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को नेपाल का अंतरिम नेता नियुक्त किया गया है।
यह नियुक्ति जेन-जी मूवमेंट के सदस्यों की एक वर्चुअल मीटिंग में हुई, जहां कार्की के नाम पर मुहर लगी। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे नए चुनाव होने तक देश को मौजूदा संकट से बाहर निकालेंगी।
बताया जा रहा है कि कार्की जेन-जी में शामिल युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगी और सेना से बातचीत करेंगी। लगभग चार घंटे तक चली मीटिंग के बाद सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनी।
जेन-जी आंदोलन में शामिल नेताओं ने आगे की बातचीत के लिए सुशीला कार्की को अपना प्रतिनिधि बनाया है। यह मीटिंग जूम पर हुई, जिसमें देश के नेताओं के खिलाफ वही गुस्सा दिखा जो दो दिन तक सड़क पर उतरा था।
आंदोलन की बागडोर किसी भी ऐसे व्यक्ति को न सौंपने की बात थी जो सीधे तौर पर राजनीति से जुड़ा हो। ऐसे में सुशीला कार्की, जो किसी भी दल से दूर हैं, के नाम पर सहमति बनी।
नेपाल में जनजातीय प्रदर्शनकारियों के तीन समूह गैर-राजनीतिक नेता के नाम पर चर्चा के लिए बैठक कर रहे थे। उन्हें एक ऐसा नेता चाहिए था जो अंतरिम सरकार गठन के लिए नेपाली सेना के साथ बातचीत का नेतृत्व करे।
7 जून, 1952 को विराटनगर में जन्मीं सुशीला कार्की ने पॉलिटिकल साइंस और कानून में डिग्री हासिल की। उन्होंने वकालत और कानूनी सुधार के क्षेत्र में अपना करियर शुरू किया।
सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने ट्रांजिशनल जस्टिस और चुनावी विवादों से जुड़े ऐतिहासिक मामलों की अध्यक्षता की। उन्होंने लोकतंत्र के संरक्षक के तौर पर न्यायपालिका की भूमिका को मजबूत किया।
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रही हैं और उन्होंने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से शिक्षा हासिल की है। उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के लिए जाना जाता है।
साल 2017 में ज्यूडिशियल एक्टिविज्म के लिए उन पर महाभियोग प्रस्ताव भी चलाया गया था।
मंगलवार को नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर धावा बोल दिया, सर्वोच्च न्यायालय और संसद भवन में आग लगा दी और कई नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की। झड़पों में 19 लोग मारे गए और 300 से ज़्यादा घायल हुए।
‘अब आन्दोलन त्यागेर नयाँ सरकार बनाउने बेला’
— BBC News Nepali (@bbcnepali) September 9, 2025
पूर्वप्रधानन्यायाधीश सुशीला कार्कीसँग बीबीसी न्यूज नेपालीकी विनिता दाहालले गरेको कुराकानी#BBCNepali #SushilaKarki #GenZProtest pic.twitter.com/emkjDDfkX8
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