गाजा पर इजरायल का कब्जा शुरू, 60 हजार सैनिक तैनात, लोग कहां जाएंगे?
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इजरायल ने गाजा शहर पर कब्जे के शुरुआती चरण शुरू कर दिए हैं। इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रीन के अनुसार, गाजा शहर के बाहरी इलाकों पर IDF (इजरायल डिफेंस फोर्सेस) का कब्जा है और पूरे इलाके पर कब्जा करने के लिए अभियान जारी हैं।

गाजा के सबसे बड़े शहरी केंद्र पर कब्जा करने के लिए लगभग 60,000 आरक्षित सैनिकों को बुलाया गया है। हालांकि, एक सैन्य अधिकारी का कहना है कि ये सैनिक सितंबर तक ड्यूटी पर तैनात नहीं होंगे। इजरायली सैनिक पहले से ही गाजा शहर के ज़ीतौन इलाके और उत्तरी गाजा में जबालिया शरणार्थी शिविर में कार्रवाई कर रहे हैं।

फिलिस्तीनियों के विस्थापन का खतरा बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की युद्ध कैबिनेट ने पिछले महीने गाजा पर पूर्ण सुरक्षा कब्जे की योजनाओं को मंजूरी दी थी। इस पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है, क्योंकि इससे और अधिक फिलिस्तीनियों का विस्थापन हो सकता है। नेतन्याहू ने खान यूनिस के पास हमास के गढ़ों पर नियंत्रण के लिए समय सीमा तेज कर दी है, जहां बुधवार को दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी।

हालांकि, बंधकों की रिहाई अभी भी बाकी है। इजरायल का दावा है कि वह किसी भी हमले से पहले नागरिकों को निकालने में मदद करेगा।

इस बीच, इजरायली अधिकारी कतर और मिस्र द्वारा प्रस्तावित एक नए युद्धविराम प्रस्ताव पर भी विचार कर रहे हैं। इस सौदे में 60 दिन का युद्धविराम और कुछ शेष इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल है, जिसे हमास पहले ही स्वीकार कर चुका है।

हजारों इजरायली नागरिकों ने सरकार से युद्धविराम स्वीकार करने और गाजा शहर पर कब्जा करने के अपने फैसले को पलटने का आह्वान किया है। हालांकि, नेतन्याहू पर उनकी गठबंधन के कुछ धुर-दक्षिणपंथी सदस्यों का दबाव है कि वे इस सौदे को अस्वीकार कर दें और क्षेत्र पर कब्जे की नीति जारी रखें।

दूसरी तरफ, इजरायल के वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने अधिकृत वेस्ट बैंक में एक बस्ती परियोजना को मंजूरी दे दी है, जिसे इजरायल की उच्च योजना समिति से अंतिम मंजूरी मिल गई थी। स्मोट्रिच ने कहा कि सरकार बस्ती के साथ वही कर रही है जो उसने साल से वादा किया था: फिलिस्तीनी राज्य को अब नारों से नहीं, बल्कि कार्रवाई से खत्म किया जा रहा है। उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था कि यह बस्ती फिलिस्तीनी राज्य के विचार को हमेशा के लिए दफन कर देगी।

ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी ने इस योजना की निंदा करते हुए कहा कि यह एक फिलिस्तीनी राज्य को दो हिस्सों में बांट देगी और अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस फैसले की निंदा की, और कहा कि यह टू स्टेट थ्योरी के दिल में एक खंजर भोंक देगा।

यरूशलेम के पूर्व में एक खुला भूभाग E-1 में यह बस्ती बनाई जानी है, जिसमें मौजूदा माले अडुमिम बस्ती के विस्तार के लिए लगभग 3,500 अपार्टमेंट शामिल होंगे।

दशकों पुराने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का दो-राज्य समाधान पूर्वी यरूशलेम, वेस्ट बैंक और गाजा में एक फिलिस्तीनी राज्य को इजरायल के साथ-साथ अस्तित्व में देखेगा। आज, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलेम में अनुमानित 700,000 इजरायली बसने वाले रहते हैं। गाजा में भी बस्तियां बनाने के इच्छुक इजरायलियों का एक बढ़ता हुआ आंदोलन है।

पीस नाउ के आंकड़ों के अनुसार, बसने वाले इजरायल की आबादी का लगभग 5% और वेस्ट बैंक की आबादी का 15% हैं। अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत बस्तियां अवैध हैं और संयुक्त राष्ट्र द्वारा उनकी निंदा की गई है। हालांकि, उन्हें इजरायली सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है।

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